मां के हाथ का स्वेटर
मां के हाथ का स्वेटर
ठंड का मिटाता है,कहर
इससे जुड़ी हुई,यादे सुंदर
इसमें बचपन जिया,जी भर
अब बड़े हुए तो क्या,सर
इससे न बड़ा कोई गर्म घर
मां के हाथ का बना स्वेटर
याद दिलाता,मां की हरपल
अब,मिटे बनना ऐसे,स्वेटर
आओ फिर चले,उस शहर
जहां मिलते मां के स्वेटर
वो जगह न स्वर्ग से सुंदर
मां के हाथ का बना,स्वेटर
सर्दी क्या गम भी लेता,हर
पर आज खो गये,वे स्वेटर
जिनमे स्नेह था,दरिया भर।