नज़र
नज़र
तुम्हारी नज़रें हमारी नज़रें,
नज़रों से नजरें
मिला न देना।
तुम्हारी नज़र हमारी नज़र,
नज़र से दिल की बात,
बता न देना।
नज़र ने किया है नज़र पर जादू,
ये खुमार अपना,
उतार न देना।
नज़र मिली और नज़र झुकी,
यूँ प्यार अपना,
लुटा न देना।
इस नज़र से उस नज़र तक,
अपना आशिक़,
बना न देना।
नज़र न लगे नज़रों को तुम्हारी,
नज़रों को क़ातिल,
बना न देना।
नज़र ने नज़र से कुछ यूँ कहा,
नज़रों को मिलाकर,
चुरा न लेना।
नज़रों का खेल है ये नज़रों से,
इसे नज़र का खेल,
बना न देना।।