पावन महोत्सव पर्व शिवरात्रि
पावन महोत्सव पर्व शिवरात्रि
शिव और पार्वती मिलन की है ये रात,
श्रद्धा विश्वास होते दिव्य प्रेमी सौगात।
बसंत ऋतु में पावन दिन का आगाज,
इसी रात है प्रकाश लिंग उद्भव नेवाज।
पुरुष प्रकृतिमिलन की अनूठी पहल,
सृजन संरक्षण विनाश के दिन अचल।
जग में लहराती शिवरात्रि मंगलध्वनि,
हर-हर महादेव ,जयकारे गूंजें अवनि।
सतीवियोग में क्रुद्ध तांडवनृत्य था किया,
हुआ क्रोधाग्नि से जग का भयभीत जिया।
भक्ति के सागर में लहराती गंगा की धार,
आत्मा को करे प्रकाशित चंदा का ज्वार।
अन्धकार को करे दूर भक्ति ज्ञान सरल,
महाकाल की शक्ति अतुलित और विरल।
दुनिया को किया अमृतमय ,पीकर गरल,
नीलकंठ सा जग में,त्रिपुरारी कोई विमल।
शिवरात्रि पावन पर्व पर,भक्तिमयसंसार,
महादेव की कृपा ,भरे रहें सद्गुण भंडार।
बम-बम भोले ,भक्ति अमृत हौले-हौले,
महाशिवरात्रि धूमधाम में भारतीय डोले।
गलेसर्प धारण कर, गंगातट विराजमान,
भक्तों की रक्षा में सदैव , लीन सन्निधान ।
महाकाल की जय हो, जटाधारी त्रिनेत्री,
दुःखहर्ता ,सुखकर्ता, अनंत शक्ति क्षेत्री।
कालातीत, अनादि, अनंत गुणों के धारक,
अविद्या ,राग-द्वेष,तम के शिव हैं संहारक।
महाशिवरात्रि के पर्वोत्सव भोले की धारा,
भक्तों ने अपने दिल को महादेव पे हारा।
हर हर महादेव!बम भोले!जय शिवशंकर!
कैलाशी काशी वासी,भंडारी अब दया कर।
भांग-धतूरे ,बौर पहुनाई चहुंओर घुटे ठंडाई,
महाशिवरात्रि की आप सभी को शुभ बधाई।
** नेवाज का अर्थ कृपालु