साजिश
साजिश
आखों की तकलीफे दूर कर दिल से देखो
तब मेरी रूह को छूना चाहोगे
मेरी ही है ये सनक
जो अपने बरसने पे तुम्हे चमकता देखना चाहता हूँ
यकीन है मुझे उसपे
उसी ने रची है ये साजिश मुझे तुमसे मिलने की
और बेइंतहा तारे चमकने की.
आखों की तकलीफे दूर कर दिल से देखो
तब मेरी रूह को छूना चाहोगे
मेरी ही है ये सनक
जो अपने बरसने पे तुम्हे चमकता देखना चाहता हूँ
यकीन है मुझे उसपे
उसी ने रची है ये साजिश मुझे तुमसे मिलने की
और बेइंतहा तारे चमकने की.