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V. Aaradhyaa

Inspirational

5.0  

V. Aaradhyaa

Inspirational

स्वागत में सजाओ बन्दनवार

स्वागत में सजाओ बन्दनवार

1 min
20



नव वर्ष आ गया सखी री झूम उठा संसार।

चलो, आज उसके स्वागत में सजाएं बंदनवार।


यह साल अब देकर चला, खट्टी मीठी याद।

कहीं 'साल' भर सालता, कहीं भरे उन्माद।


 कहीं वर्ष भर हर्ष का, होता नव संचार।

कहीं पर्वत सी पीर का, मिला नहीं उपचार।


कहीं किसी को दे गया, खुशियों की सौगात।

कहीं बहाकर ले गई , घर अबकी बरसात।


'बरस' नया नवरूप धर, आने को तैयार।

स्वागत में सरकार के, सज्जित ड्योढ़ी द्वार।


दर्द जुदाई पीर तू, मत लाना इस बार।

झोला भर लाना दुआ, बरसाना रस धार।


अबके बरस देना हमें, इक ऐसा वरदान।

घर-घर होवे अवध सा, राम सभी संतान।


अमन शांति संतोष हो, नेह सिक्त विश्वास।

संस्कारों की महक का, पल-पल हो आभास।


नव वर्ष आ गया झुमके लेकर खुशियाँ अपार।

चलो, आज उसके स्वागत में सजाएं बंदनवार।


©®V. Aaradhyaa


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