सवेरा
सवेरा
सुबह मंजर कितना प्यारा है
रंग बेरंगा है सारा जहां
ठंडी हवा कुछ कहती है
समझो उसका इशारा
वादियों ने बनाया सुनहरा मौसम है
लगता नहीं तुम्हें की इसने तुम्हें पुकारा है
चारों ओर चहकते पक्षी है
चहकते चहकते तुम्हें बुलाया है
आओ, लुत्फ लो इन फिजाओं का
उसमें मदहोशी सी कुछ छायी है