टूट जाने के बाद
टूट जाने के बाद
टूट जाने के बाद
उसको इस बात की
समझ आई ले भरोसा,
था जिसका वो जी रहा
उसी के कारण
सिसकियों ने बाँधी हिचकी
और अश्कों ने आंचल
तर ब तर कर दिया था।
सोच झूठी पड् गई थी
भरोसा भी तार तार
हो रहा था
सिसकियों ने बाँधी हिचकी
और अश्कों ने आंचल
तर ब तर कर दिया था।
टूट जाने के बाद
उसको इस बात की
समझ आई
दिल था के अनजाने
भय से धक्क धक्क
कर रहा था
आस्था की नाव में
अजनबी पन का
नीर जबर्दस्ती घुस रहा था।
टूट जाने के बाद
उसको इस बात की
समझ आई
दावानल सी अग्नि
सा धधक हिय में
उसका कतरा कतरा
जल रहा था
टूट जाने के बाद
उसको इस बात
की समझ आई।