"वन नहीं तो जीवन नहीं"
"वन नहीं तो जीवन नहीं"
वनों से इमारती लकड़ियाँ,
और ईंधन मिलता है।
जल चक्र संचालित होकर,
वर्षा का जल भी गिरता है।।
पशु-पक्षियों को भोजन मिलता है,
निवास स्थान भी मिलता है।
मानव के जन जीवन के लिए
लघु -उद्योग, धंधा मिलता है।।
विभिन्न प्रकार की औषधियां,
जड़ी-बूटियां मिलती हैं।
असाध्य रोगों से स्वास्थ्य को,
जड़ से मुक्ति मिलती है।।
पर्यावरण में बढ़ती कार्बन डाइऑक्साइड,
गैस का अवशोषण करते हैं।
अपना भोजन बनाकर,
प्राण वायु निष्पादित करते हैं।।
प्राण वायु से ही हृदय का स्पंदन है,
इसलिए वन नहीं तो, नहीं ये जीवन है।