रुको रुको पास तो बैठो। रुको रुको पास तो बैठो।
मन के खोखलेपन को अब ना मंज़िल की रुकावट बनने दे। मन के खोखलेपन को अब ना मंज़िल की रुकावट बनने दे।
चैन बहुत दूर रहे मन श्रम से चूर रहे जीवन की राहों पर काँटे भरपूर रहें चैन बहुत दूर रहे मन श्रम से चूर रहे जीवन की राहों पर काँटे भरपूर रहें
सब्र रख सब्र रख
व्यर्थ में सूखे बीज से ही हरितक्रांति आएगी। व्यर्थ में सूखे बीज से ही हरितक्रांति आएगी।
हम वो नजारा क्या देखें, जिसमे तेरा अक्स नहीं ! हम वो नजारा क्या देखें, जिसमे तेरा अक्स नहीं !