और कोलाहल ? और कोलाहल ?
मनुष्य के हमसफ़र बन जाते हैं एक तुम्हारे होने से। मनुष्य के हमसफ़र बन जाते हैं एक तुम्हारे होने से।
अब जनता ने मन्थन करने की ठानी है अपना मत विवेक से देने को भृकुटी तानी है। अब जनता ने मन्थन करने की ठानी है अपना मत विवेक से देने को भृकुटी तानी है।
अपने कर्तव्यों का भान कर निरंतर बह चली हूँ। अपने कर्तव्यों का भान कर निरंतर बह चली हूँ।
अंग्रेजो के नाक में ,दम कर रखा था हरपल अंग्रेजो के नाक में ,दम कर रखा था हरपल
शांति एक अवस्था है जो सिर्फ़ अपने भीतर ही मौजूद है। शांति एक अवस्था है जो सिर्फ़ अपने भीतर ही मौजूद है।