जला है पतंगे के जैसा 'निधी' दिल, इसे प्यार में आजमाना गलत था। जला है पतंगे के जैसा 'निधी' दिल, इसे प्यार में आजमाना गलत था।
शाम यूँ ही नहीं तड़प रही जो इस तन्हा दिल की आरजू ए कशिश है। शाम यूँ ही नहीं तड़प रही जो इस तन्हा दिल की आरजू ए कशिश है।
हर बात पे सवाल है निगाह मैं हर साथ पे क्यों शिकवा है। हर बात पे सवाल है निगाह मैं हर साथ पे क्यों शिकवा है।
खयाल भी जिंदगी दे कभी कभी ऐसी तनहाई दास्ताँ ना मिले किसी को खयाल भी जिंदगी दे कभी कभी ऐसी तनहाई दास्ताँ ना मिले किसी को