आज आपकी ऊँगली पकड़ी है कल लाठी ज़रुर बनूँगी आज आपकी ऊँगली पकड़ी है कल लाठी ज़रुर बनूँगी
क्या इतराई खुशियां चढ़ी ये कैसी गुलाल उड़ी। क्या इतराई खुशियां चढ़ी ये कैसी गुलाल उड़ी।
माँ का दिल भी झूम उठा, जब बच्चा हँसा और मुस्काया। माँ का दिल भी झूम उठा, जब बच्चा हँसा और मुस्काया।
दो चार दिनों से कटोरे मे रखा बासी चावल खाकर गुजारा करना होता है दो चार दिनों से कटोरे मे रखा बासी चावल खाकर गुजारा करना होता है
देख मूसा कभी मदद करके ये मज़ा देती ज़िन्दगी का है। देख मूसा कभी मदद करके ये मज़ा देती ज़िन्दगी का है।
न रहने का ठिकाना है न खाने को दाना है न रहने का ठिकाना है न खाने को दाना है