घर की कुंडी पर लगा है जंग लगा ताला किसी के आने की इतंजार में फेर रहा माला! घर की कुंडी पर लगा है जंग लगा ताला किसी के आने की इतंजार में फेर रहा माला!
दब जाता है नुकीला पत्थर जो चुभता है निर्माण से पहले! दब जाता है नुकीला पत्थर जो चुभता है निर्माण से पहले!
यकिन रख मैं तेरा ही हूँ, पर कैसे भरोसा करूँ कि, तू किसी और सी नहीं.. यकिन रख मैं तेरा ही हूँ, पर कैसे भरोसा करूँ कि, तू किसी और सी नहीं..
हम! हम! हम! अक्सर... जीना चाहते हैं ज़िन्दगी को, अपनी तरह.... हम! हम! हम! अक्सर... जीना चाहते हैं ज़िन्दगी को, अपनी तरह....
उठो ,चलो, गिरो मगर रूको नहीं, रूको नहीं! उठो ,चलो, गिरो मगर रूको नहीं, रूको नहीं!