तेरे अंचल की मृदुल - छाँव ममता ले तेरी बढ़े पाँव। तेरे अंचल की मृदुल - छाँव ममता ले तेरी बढ़े पाँव।
बची है मकरंद की चंद बूंदें और सुवास भी अभी। बची है मकरंद की चंद बूंदें और सुवास भी अभी।
प्रेम सदा जीवित रहता है दिल की धड़कन बनकर! प्रेम सदा जीवित रहता है दिल की धड़कन बनकर!
फूल फूल में ख़ुशबू थी, हवा में नई सुवास भरी थी फूल फूल में ख़ुशबू थी, हवा में नई सुवास भरी थी