जुर्म है ये आशिकी और इश्क भी फ़रेब है। जुर्म है ये आशिकी और इश्क भी फ़रेब है।
मगर साथ में देखने वाला उसको खुद का साया भी न होगा। मगर साथ में देखने वाला उसको खुद का साया भी न होगा।
मोहब्बत वो नही जो जिस्म से शुरु हो मोहब्बत वो नही जो जिस्म से शुरु हो
कुछ का तो इरादा ही इतना था साथ निभाने का वादा ही सिर्फ इतना था कुछ का तो इरादा ही इतना था साथ निभाने का वादा ही सिर्फ इतना था
बनने गिद्ध और चीलों का भोजन ! बनने गिद्ध और चीलों का भोजन !
हर एक बस्ती में जैसे अब तो ये मामूल लगता है जाने कब से इन लाशों को बार बार पढ़ता हूँ हर एक बस्ती में जैसे अब तो ये मामूल लगता है जाने कब से इन लाशों ...