अगर तपन में तुम्हारी सांस रूक जाए, तुम्हें काली छाया दिखने लग जाए, पर इसी वक़्त ग़र माँ का हाथ, माथे क... अगर तपन में तुम्हारी सांस रूक जाए, तुम्हें काली छाया दिखने लग जाए, पर इसी वक़्त ग़...
जुर्म है ये आशिकी और इश्क भी फ़रेब है। जुर्म है ये आशिकी और इश्क भी फ़रेब है।
तुम्हारे पीछे-पीछे लेकिन कब तक ? तुम्हारे पीछे-पीछे लेकिन कब तक ?
जख्मों पर जब मोहब्बत की दबाई लगाई जाती है। जख्मों पर जब मोहब्बत की दबाई लगाई जाती है।
हर अंग निखर के कहेगा तब, प्रेम वर्षा में मुझे भीग जाने दे। हर अंग निखर के कहेगा तब, प्रेम वर्षा में मुझे भीग जाने दे।
क्यूँ ना अपनी उलझने सुलझायें फिर से ? क्यूँ ना अपनी उलझने सुलझायें फिर से ?