‘सारा शहर बंद है मंत्री जी के शोक में, और तू साला दुकान लिए घूम रहा है । ‘सारा शहर बंद है मंत्री जी के शोक में, और तू साला दुकान लिए घूम रहा है ।
लुटाने से पैसा बच नहीं पाता।जतन करने पड़ते हैं। लुटाने से पैसा बच नहीं पाता।जतन करने पड़ते हैं।
उसने हाथ में पकड़े हुए पत्र को खोल कर पढ़ना शुरू किया। उसने हाथ में पकड़े हुए पत्र को खोल कर पढ़ना शुरू किया।
कि भगवान किसी ख़ास जीव में नहीं, सबमें रहता है। बस देखने की जरूरत है।” कि भगवान किसी ख़ास जीव में नहीं, सबमें रहता है। बस देखने की जरूरत है।”
ज़माना खराब है, उच्च शिक्षा के लिए गाँव से बाहर हम तुम्हें नहीं भेज सकते। ज़माना खराब है, उच्च शिक्षा के लिए गाँव से बाहर हम तुम्हें नहीं भेज सकते।