Madhavi Solanki

Classics Inspirational

4.0  

Madhavi Solanki

Classics Inspirational

बस यूँ ही चलते रहिए

बस यूँ ही चलते रहिए

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फूलों के बाग में आज एक गुलाब खिला है, आज किसी ने अपने ख्वाब से मुलाकात की है, अभी तो बाग में बहोत फ़ूल खिलने बाकी है, अभी जिंदगी के बहोत से ख़्वाब से रुबरु होना बाकी है, आज इश गुलाब ने अपनी महेक से पूरे बाग को मनमोहित कर दिया है वैसे ही जब आप अपने सपनों से रूबरू होंगे तब आपकी पूरी जिंदगी इंगिनत रंगों से भर जाएगी, वो मंज़र बहोत खूबसूरत होगा जब आप आसमान की ऊँचाई यो को छुएंगे ओर पाँव फिर भी अपनी जमी से जुड़े हुए होंगे, जब आप आगे बढ़ेंगे जिंदगी में तब ये लगेगा कि में ओर भी जिंदगी की गहराई में जाना चाहता हूं तब ये प्रकृति अपनी बाहे फैलाके आपका इंतजार कर रही होगी क्योंकि वो भी आप जैसे व्यक्तित्व से मिलने के लिए बरसों से तड़प रही थी,

आपको लगेगा कि कैसे पलभर में जिंदगी बदल गई लेकिन ये पलभर में नही बदली ये आप बेसक जानते है बरसों की मेहनत लगती है जिंदगी बदल ने के लिए,जैसे अच्छी बारिश के लिए भी पानी को बाष्पिभवन की क्रिया से गुज़र के सही परिस्तिथियों का इंतज़ार करना पड़ता है तो फिर हम तो इंसान है आसमान छूना है, तो कोशिश भी हज़ार करनी होगी, इंतज़ार भी बहोत करना होगा, फिर परिणाम तो आप जानते ही है वो बारिश की बूंदे जो हज़ारो लोगों की जिंदगी मे खुशियां लाती है,वैसे ही आपके सपने पूरे होने के साथ आप खुद से ज़्यादा हज़ारो लोगों की जिंदगी में खुशियों की बौछार ला सकते है उन्हें खुश कर सकते है, उनकी मदद कर सकते है,उनके चेहरे पर प्यारी सी मुश्कान ला सकते है….तो फिर किसका इंतज़ार है चलते चलिए अपनी मंज़िल से मिलने, अपने खवाबों से मुलाकात करने इस प्यार भरी राह में अपनी किताब को हमसफ़र बनाके बस यूँ ही चलते रहिए ….


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