Dinesh Dubey

Others

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Dinesh Dubey

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दोषी कौन

दोषी कौन

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मैं एक मीटिंग के लिए बड़ी तेज कदमों से भागा जा रहा था, पैसे कम होने के कारण मैं हमेशा कुछ पैदल तो कुछ बस और कभी बहुत जरूरत पड़ने पर ऑटो से जाता था , वैसे मैं कहूं तो लोग गाडियां भी भेज देते पर मेरे अंदर का स्वाभिमान कभी मुझे इतना गिरने नही दिया था। मैं लोगो की नजर में अच्छा पैसे वाला था , और इस बात को मैं झुठलाना भी नही चाहता था , इसका कारण यह भी था की जब भी किसी ने मुझसे कभी पैसे की सहायता मांगी थी तो मैंने कभी किसी को ना नही कहा था और देने के बाद मैंने किसी से वापस मांगा भी नही था। 

मैं इस समय गोवा की सड़क पर चल रहा था , मेरे होटल से मीटिंग की जगह डेढ़ किलोमीटर ही था तो बेवजह मैं सौ रुपए बरबाद नहीं करना चाहता था।,

मैं अपने ही रौ में चला जा रहा था, तभी सामने से आ रही एक सुंदर सी महिला से टकरा गया।

गलती किसकी थी ये तो पता नही पर गालियां मुझे ही सुननी पड़ी। वह महिला छूटते ही बोली "यू रास्कल ,ईडियट अंधा है क्या दिखता नही।"

मैने सर उठाकर भोले पन से कहा ,"मैडम जी ये बात तो आप पर भी लागू होती है।"

वह गुस्से में बोली"नॉन्सेंस ! किसी सभ्य महिला से बात करने की तमीज है की नही। मैने इस बार उस महिला को ध्यान से देखा तो मुझे कुछ पहचानी सी लगी ।

मुझे इस तरह देखते देख वह चौक उठी और बोली ,"इस तरह क्यों देख रहे हो एक तो शरीफ औरतों को धक्का मारते हो और अब बेशर्मी इतनी की घूर भी रहे हो" , तभी दो चार लोग वहां खड़े भी हो गए ।

माहौल बिगड़ता देख मेरे मुंह से निकल पड़ा "मीना तुम अब भी वैसी ही हो जरा भी बदलाव नहीं आया।"

मेरे मुंह से अपना नाम सुन अब चौकने की बारी उसकी थी।

वह कहती है ,"हाउ यू नो माय नेम?"

फिर मुझे ध्यान से देख बोली "तुम पूना में साथ पढ़ते थे ना दिनेश दुबे हो ना।"

मेरे सर हिलाते ही वह सभ्य महिला सब छोड़ बड़े जोर से मुझे हग कर गले लगा लेती है ।

अब तमाशा देखने वालो का चेहरा देखने लायक था ।

वह कहती है ,"इतनी तेज़ी से कहां जा रहे थे।"

मैने कहा "एक मीटिंग है।"

वह बोली मैं क्राउन में रूम नंबर 306 में हूं मीटिंग पटा कर वहीं आ जाओ , वैसे तुम कहा रुके हो ?"

मैने कहा मैं तो मांडवी में हूं।"

वह कहती है "रूम नंबर !"

मैने कहा "405 में।"

हम दोनों नंबर का आदान प्रदान हुआ और हम अपने अपने काम से निकल गए ।

मीटिंग खत्म करने के बाद मैं पूरी तरह से फ्री था ।मैं सोचने लगा की मीना से मिलु की नही ,तभी उसी का फोन सामने से आ गया जैसे उसे पता चल गया था की मेरी मीटिंग खत्म हो गई है।

वह कहती है ,"दिनेश तुम फ्री हो गए हो तो मैं तुम्हारे रूम में आती हूं। 


मैने कहा "ठीक है !. मैं पंद्रह मिनट में पहुंच जाऊंगा ।"

वह आधे घंटे बाद मेरे कमरे के सामने खड़ी डोर बेल बजा चुकी थी।

मैने दरवाजा खोला तो वह सामने खड़ी मुस्करा रही थी ,उम्र होने का बाद भी वह अभी भी बहुत सुंदर थी ।

वह अंदर आती है ,उसके हाथ में बैग था ।

वह अंदर चेयर पर बैठ कहती है "दरवाजा बंद कर दो मैं तुम्हारा रेप नही करूंगी ।"

मैने मुस्करा कर कहा "मुझे खुद पर भरोसा नही है ।"

तो वह जोर से हंस पड़ी ,और बोली "तुम्हे मैं जानती हूं तुम तो शायद अपनी पत्नी के मर्जी के बिना उसे भी नही छूते होगे । मुझे वो घटना याद है ,जब रीटा ने तुम्हे प्रपोज किया था तो तुम एक दिन स्कूल ही नही आए थे ।

बाद में सभी अलग अलग कॉलेज ने गए थे ,और हमारी अंतिम मुलाकात महेंद्र के बर्थडे पार्टी में हुई थी जब मैंने तुम्हारा हाथ पकड़ कर प्रपोज किया था और तुमने कहा था की मेरा अपना कोई ठिकाना नही है तुम्हे कैसे सम्हालूंगा । अब अपने बाल बच्चो को सम्हालते हो की नही।

मैने कहां "वो मुझे सम्हालते हैं , मैं उन्हे नही ।

वह हंस पड़ी ।

मैने कहा "तुम क्या पियोगी चाय कॉफी?

वह कहती है "गोवा में आकर इस समय चाय कॉफी पीना मतलब बेवकूफी है ,यहां लोग खाने पीने आते हैं । मैं स्कॉच लाई हूं तुम पीते हो की नही ।

मैने संकोच करते हुआ कहा "कभी कभार पी लेता हु एकाध पैग ।


वह खुश होकर कहती है "तब तो ठीक है ,तुम्हे जो पीना हो पी लेना ।

वह अपने ग्लास के साथ मेरे लिए भी एक ग्लास में एक पैग बनाती है ।

वह थैले में से नमकीन काजू ,भुने बादाम ,और चीज के क्यूब निकालती है ।

वह कहती है ,"" आई लाईक दिस चीज क्यूब, ।

वह अपने ग्लास में सिर्फ दो टुकड़े बर्फ का डालती है , मैने तो अपना पूरा ग्लास पानी से भर लिया था !

यह देख वह हंस कर बोली ,"इस से अच्छा तो पानी ही पीते।

मेरा वह एक पैग खत्म होते होते वह तीन लार्ज पैग पी चुकी थी।

मैने उस से कहा ,"मीना ! इतना पीना सेहत के लिए अच्छा नही है ।

वह मुस्करा कर कहती है"रोज आधा बॉटल पीती हूं ,मेरी बॉडी में कोई फर्क नज़र आ रहा है देखो, ।

इतना कह कर वह अपना टॉप उतार दी ।

मैं तो एकदम से हड़बड़ा गया और कहा ,"मीना ये क्या कर रही हो ,अभी वेटर आने वाला है खाने का ऑर्डर लेकर ।

वह कहती है ,"तो क्या हुआ ,? मेरे कोई स्पेशल है क्या जैसी सबकी बॉडी होती है वैसे ही मेरी भी है । सब कुछ एज युजुवल है । 

उसकी इस हरकत से मैने जो भी पी थी सब पानी हो चुका था ।

मैने कहा "खाना आ रहा है तुम कपड़े पहन लो, जल्दी से खाना खाओ तुम्हे तुम्हारे हॉटल छोड़ आता हूं।

वह कहती है "किसके लिए छोड़ोगे ,वो मेरे बूढ़े हसबैंड के लिए वह तो नौ बजे से खर्राटे लेना शुरू करता है तो सुबह पांच बजे ही उठता है । रास्कल मेरी लाईफ बरबाद कर दिया।

मैं उसकी बात से चौक कर पूछा ,"तुमने बूढ़े से शादी की ,! क्यों तुम जैसी सुंदर लड़की से तो कोई भी शादी कर सकता था।

वह मेरी ओर देख कर कहती है ,"तुमने की थी,? तुम सब मर्द एक जैसे हो कभी किसी औरत को खुश नही देख सकते । कॉलेज में मंटो से प्यार हुआ ,अरे वही मनजीत सिंह, साला कमीना एक नंबर का कुत्ता निकला , चाट कर खसक लिया ।

मां बाप ने एक गधे के पल्ले जबरन बांध दिया ,उस से तो दस दिन से ज्यादा टीका ही नही औरत को गुलाम समझता था, ये मत करो ,वो मार करो, ऐसे बैठो ,वैसे चलो । ऐसे लग रहा था जैसे मैं उसकी खरीदी हुई लौंडिया हूं । दसवें दिन उसे लात मारकर निकल ली ।

उसके बाद घर वालो ने मुझे ही निकाल दिया ,उन लोगो ने उसकी बात पर भरोसा कर लिया कर अपनी बेटी की बात पर नही किया।

मैं नौकरी करने लगी उस समय मेरा बॉस मुझ पर डोरे डालने लगा और मुझे सेंटीमेंट में लेकर रिलेशन शिप बना लिया मुझसे शादी का वादा किया था, पर कुछ दिन में ही पता चल गया की वह शादी शुदा था।

मैं हतप्रभ सा उसकी बाते सुन रहा था ,वह भी उस लड़की की जो बड़े ही सात्विक विचार धारा की थी , और उसने पहली बार सिर्फ मुझे ही प्रपोज किया था जबकि बहुत से लड़के उसके दीवाने थे , पसंद तो मैं भी उसे करता था, लेकिन हम रूढ़िवादी परिवार से थे और खुद अपने विवाह की बात करने की हिम्मत भी नहीं थी और अपनी बिरादरी छोड़ तो सोच भी नही सकते थे।

वह कहती है ,"धीरे धीरे सब मुझसे कटने लगे थे, मां बाप भाई बहन दोस्त यार सभी ,उन्हे लगता था की मुझसे बात करते ही शायद उन लोगो को कोई भयानक रोग पकड़ लेगा।

तभी वेटर ने बेल बजाया ,में उसकी स्थिति देख धीरे से थोड़ा दरवाजा के ट्रे ले लिया और दरवाजा बंद कर दिया ।

मैने कहा "तुम खाना खा लो मुझे भी खाना है , मैं तो नौ बजे तक खा लेता हूं आज देर हो गई।

वह कहती है ,"तुम सिर्फ खाने के लिए ही जिंदा हो ।

मैंने दो प्लेट में खाना निकाल कर एक उसको दिया और अपना लेकर खाने लगा ।

वह कहती है "मैं तो तुम्हे खाऊंगी। 

और जोर से हंस पड़ी ।

फिर कहने लगी ,*"मेरे मन में अब बहुत पैसे कमाने का चस्का लग गया था, क्योंकि मेरा सोचना था की जितना अधिक पैसा होगा उतनी अधिक इज्जत होगी और उतनी ही लाइफ को एन्जॉय करेंगे।

मैं इतना बदनाम चुकी थी की कोई मुझ से शादी नही करना चाहते थे ,पर सभी मेरे साथ रात बिताने के फिराक में रहते थे लोगो को लगता था की मैं कैरेक्टर लेस हूं ।

तभी मेरी बूढ़े पति ने मुझे एक बार एक पार्टी में देखा तो इसने मुझ से शादी करने का इरादा जताया , तब बहुत मुश्किल दौर से गुजर रही थी ,नौकरी भी हाथ में नही थी, जो थोड़े बहुत पैसे थे वह भी खत्म होने की कगार पर थे ,रिश्ते तो कोई बचे नही थे और ये बहुत पैसे वाले थे तो मेरे अंदर के लालच ने हां कह दिया मैने दूसरे दिन हो कोर्ट में जैसे इस से शादी कर ली , और एक दिन में ही अरबों की मालकिन भी बन गई ,पर बाकी सब शुन्य हो गया था शारीरिक संतुष्टि इस से मिलती ही नही थी इसे तो बस खिला बदन देखने का शौक है ,और शायद इसी लिए इसकी पहली दो पत्नियां दो दो करोड़ लेकर जा चुकी थी।

मैं अपने शारीरिक सुख के लिए बाहर भटकने लगी ,और पता नही किस किस के साथ सोई ।

मैं उसकी बाते सुन अजीब सा फील कर रह था। मुझे पता नही क्यों अब उस से चिढ़ होने लग गई थी।

वह एक पैग और पीती है ।

फिर कहती है ,"दिनेश तुम बताओ ना मैं कहां गलत थी , आज मेरे पास सब कुछ है ,पर प्यार नही है ,कोई रिश्ता नही है ,सुकून नही है , आखिर क्यों । 

मैं उसकी ओर देखा तो वह बोली ,"जानते हो ,अगर पहली बार जब कॉलेज में मेरा चक्कर चला जो खूब चर्चा का विषय बना था अगर उस समय मेरे मम्मी पापा ने मुझे एक थप्पड़ मार कर समझाया होता तो मैं इतना आगे नही बढ़ती ।

अगर उस गधे पति ने एक थप्पड़ मार कर मुझे अपनी मर्जी करने के लिए रोका होता या मम्मी पापा में डांट कर समझाया होता तो शायद ऐसा नहीं होता । मेरे पास पैसे हैं गाडियां है पर अपना कोई नही ।

वह एक नीट पैग पीती है और फिर वाशरूम में जाकर हाथ मुंह धोकर आती है।

वह बेड पर गिरती हुई कहती है*"लोग मुझे दोषी क्यों मानते हैं।

और वह सो जाती है ।

मैं एक तकिया लेकर सोफे पर सो गया उस सोचते हुए की मैंने इसे पहचाना यही मेरी गलती है ।

सुबह मैं उठा तो वह सो रही थी ।

मैं वॉक करने चला गया।मैं दो घंटे बाद लौटा तो वह जा चुकी थी।दस बजे के करीब उसका फोन आया ,"सॉरी दिनेश रात तुम्हे तंग किया पर क्या तुम मुझे बता सकते हो मैं कहां गलत थी ।

मैने फोन देखा और काट दिया साथ ही उसके नंबर को ब्लॉक कर दिया ,वैसे भी मुझे तुरंत रेडी होकर एयरपोर्ट पहुंचना था ।


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