एबॉर्शन

एबॉर्शन

2 mins
575


 

आज की भाग दौड़ की ज़िंदगी में इतना भी टाइम अभी कहा था की वो तीसरी ज़िंदगी को संभाल सके..

रेवा..एक अव्वल दर्जे की अफसर..अब शादी के तीन ही महीने हुए थे और वह प्रेग्नेंट थी.. उसे कतई मंज़ूर नहीं था अभी से....सो एबॉर्शन के लिए निकल पड़ी. शिवम् ने उसे बहुत समझाया मगर नहीं मानी..

गाड़ी में जा रही थी..तब अचानक एक बड़ा सा जुलुस निकला..पूरा ट्रैफिक जाम.. जुलुस "बेटी बचाओ " का नारा लेके निकला था.. 

वही सिग्नलपे ही उस जुलुसवाली लड़की और लड़के फंड इकठ्ठा कार रहे थे..

एक लड़की रेवाकी कार के पास भी आई और बोली "दीदी...आनेवाली पीढ़ी की बेटियों के लिए कुछ फंड देदो...ताकि हम उस सबका भविष्य बनाये.."तभी रीवा अपनी हालत को लेके कुछ सोच रही थी. तब फिर उस लड़कीने कहा..दीदी..आप भी तो किसी की बेटी हो..कोई और बेटी के लिए कुछ थोड़ा अच्छा सोच लो"...ये सुनके रेवा की आँखे भर आई और उसने पर्स में से पैसे निकालके उस लड़की को दे दिया..और फिर फुट फुट के रोने लगी.. सिग्नल पे गाड़ी घर की तरफ यू टर्न की..और खुद पे अफ़सोस करते घर पहोची .

शिवम् ने सोचा की वो क्लिनिक जा के आई है इसलिए कुछ ना बोला..पर रेवा उसे लिपट के रोने लगी और बोली.."मुझे माफ़ करदो..शिवम्..मेने गलत फैसला लिया था.. अब हम दो से तीन होंगे..."

हबक से शिवम् ने पूछा यानि की तुम क्लिनिक नहीं गई..???."रेवा मुस्कुराई...

ओह रेवा आई ऍम सो हैप्पी..अब में पापा बनूँगा ..कहेके ख़ुशी से रेवा को उठा लिया और झूमने लगा..

क्यूँकी गलत फैसला अब रेवा के मनन से निकल चूका था .



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational