Ayush Ranjan

Horror

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Ayush Ranjan

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एक मृत सहेली ने जिंदा सहेली को

एक मृत सहेली ने जिंदा सहेली को

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यह घटना बड़ौदा शहर की है । एक बार की बात है। तब हम लोग 12वीं कक्षा में पढ़ते थे । मेरा नाम ममता और मेरी खास सहेलियां भी थी । जिनका नाम रीता और सुनीता था । दोनों एक दूसरे के साथ हमेशा खुश रहती 1 दिन की बात है। जब रीता की शादी तय हो गई । सभी सहेलियों को बोला कि तुम सब मेरी शादी में जरूर आना। हमें आज भी याद है कि रीता की हल्दी मेहंदी हो गई थी ।

और सोमवार को उसकी बारात आने वाली थी। तब हम लोग मिलकर रीता की शादी में उसके घर गए थे.और उसकी पक्की सहेली सुनीता भी आई थी। रीता सजी-सँवरी बैठी थी। उस को तो बरात आने का ही इंतजार था और होता भी क्यों नहीं भाई उसका तो राजकुमार घोड़े पर चढ़कर आने वाला था.और खुशी का माहौल था। हम लोग भी नाच गा रहे थे.

और रीता के साथ हंसी मजाक भी कर रहे थे। आखिर वह घड़ी आ ही गई रीता शादी करके सुबह अपने ससुराल जाने वाली थी। हम लोग तो रात को दूल्हा देखा खाना खाया और अपने-अपने घर चले गए। लेकिन सुनीता अपने घर जा रही थी।

तभी उसके साथ बहुत बड़ा हादसा हो गया। वह गाड़ी से टकराई और उसका का सिर पट गया और उसकी वहीं पर मृत्यु हुए गई। 4-5 महीना बीतने के बाद जब रीता ने सुनीता को फोन किया तो उसके हाथ पाव सुन पड़ गए। क्योंकि वह फ़ोन सुनीता ने नहीं बल्कि उसकी मां ने उठाया था।

और वह सारी बातें रीता को बता दी। तब मानो रीता के पाव से जमीन ही खिसक गई। वह जोर-जोर से रोने लगी और यह बात अपने ससुराल में सब को बता दी। 2-3 साल बीतने के बाद रीता को सुनीता रात में दिखाई देने लगी।

और बोलने लगी सहेली मेरे पास आ जाओ अकेले नहीं रहा जाता और रीता डर गई। लेकिन सुबह होने पर उसने यह भी बात सबको बताई। लेकिन किसी को विश्वास ही नहीं हुआ कि यह सच बोल रही है।

-धीरे दिन बीतने लगा और रीता मानो पागल सी हो रही थी। उसको कुछ पता नहीं चलता कि वह क्या कर रही है या फिर क्या करने जा रही है। ससुराल वालों ने परेशान होकर रीता को उसके घर भेजने का मन बना लिया. और अपने बेटे को बुलाकर बोला कि बेटा उसे उसके माईके छोड़ आओ। रीता अपने घर चली गई।

लेकिन रीता वही अपने मायके में भी करना चालू कर दिया। उसकी यह हरकतें देखकर उसके पिता ने सोचा कि उसे किसी पंडित को दिखा देते हैं. और देखते हैं कि पंडित क्या बोलते है। उसके पिता सोच ही रहे थे। दूसरे दिन दोपहर हो गई रीता ने फिर भी अपना दरवाजा नहीं खोला उसके पिता बाहर से आवाज मारने लग गए।

दरवाजा खोलो बेटी में तुम्हारा इलाज जरूर करूंगा. और तुम ठीक हो जाओगी लेकिन अंदर से दरवाजा नहीं खुल रहा था। तब उसके पिता डर गए.और दरवाजा तोड़कर अंदर आ गए। वहां का दश्य देखकर वह बेहोश हो गए।उनके पीछे उनकी पत्नी भी गई।

तो देखा कि रीता पंखे से फांसी लगाकर झूल रही थी। क्योंकि वह मर चुकी थी। तब उसकी मां समझ गई कि मेरी बेटी सच बोल रही थी। आज उसकी सहेली सुनीता उसे बुला ही लिया। आखिर सुनीता मेरी बेटी को लेकर चली ही गई।


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