हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Crime Thriller

4.5  

हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Crime Thriller

कातिल कौन ,भाग 45

कातिल कौन ,भाग 45

9 mins
280



हीरेन ने आदित्य जोशी को एक मिनी बस मंगवाने को कहा । थोड़ी देर में आदित्य ने एक मिनी बस की व्यवस्था कर दी जिसमें हीरेन ने सबसे पहले जज साहब को बैठाया और उसके बाद खुद चढ़ गया । मीना ने भी जिद पकड़ ली थी कि वह भी साथ ही जाएगी । वह हीरेन को अकेला नहीं छोड़ेगी । यद्यपि हीरेन ने उसे लाख समझाया मगर लड़कियों को समझाना मामूली बात है क्या ? थक हारकर हीरेन ने उसे भी बस में चढ़ा लिया । फिर उसने आदित्य और उसकी टीम को भी बस में बैठा लिया । 


तब तक शाम के 6 बज गये थे । हीरेन ने जज साहब से कहा "कातिल अपना काम रात को 11 बजे बाद शुरू करेगा । इसलिए यदि आप चाहें तो हम इस बीच कुछ "आनंद" ले सकते हैं" । 

जज साहब हीरेन की ओर देखकर बोले "कुछ और आनंद से क्या मतलब है आपका" ? उनकी आंखों में गुर्राहट थी । 

हीरेन हंसकर बोला "मेरा मतलब है योर ऑनर, थोड़ा मनोरंजन, थोड़ी कॉमेडी" । 

"क्या हम यहां पर कोई कॉमेडी शो देखने आए हैं" ? जज साहब गुस्से से बोले 

"कॉमेडी शो देखने तो नहीं आए हैं , यह बात सही है । लेकिन कातिल को पकड़ने तक हम लोग यहां पर क्या करेंगे ? झख थोड़े ही ना मारेंगे ? 11 बजे तक चुपचाप बैठे थोड़े ना रहेंगे ? समय का सदुपयोग करने के लिए तब तक कुछ चटपटा आनंद ही ले लिया जाये । क्यों सही है ना" ? 


हीरेन के चेहरे से लग रहा था कि उसने कुछ प्लान तैयार कर रखा है जिसे वह सबको दिखाना चाहता है । हीरेन के चेहरे को देखकर जज साहब ने कहा "तो ठीक है , हम तो तुम्हारे प्लान पर काम कर रहे हैं । जैसा चाहो वैसा करो" । 


हीरेन को हरी झंडी मिल गई थी । वह कहने लगा "सर, अभी हम लोग एक जगह चलेंगे । वहां पर मैंने एक बड़ी सी स्क्रीन लगवाई है । आज उस स्क्रीन पर फिल्म का आनंद लेंगे । और हां आदित्य जी, मैंने आपके मोबाइल पर कुछ लोकेशन भेजी हैं । वहां पर पर्याप्त पुलिस जाब्ता भेज दो , तुरंत" । हीरेन ने बस रवाना कर दी । 


बस के चलते ही हीरेन को मस्ती चढने लगी । उसने पंचम सुर में गाना शुरू किया 

"जीवन चलने का नाम 

चलते रहो सुबह शाम 

कि रस्ता कट जाएगा मित्रां 

कि बादल छंट जाएगा मित्रां 

कि दुख से झुकना ना मित्रां 

कि एक पल रुकना ना मित्रा 

जीवन चलने का नाम ......" 


एक तो शाम का मौसम उस पर मीना का साथ । हीरेन अपने आपे में रह नहीं पाता था । सोने पे सुहागा यह कि शरबती पान की मिठास उसके अंदर श्रंगार रस घोले जा रही थी । हीरेन जब मस्ती में गाता है तो ऐसा लगता है कि सारा जहां उसकी मीठी आवाज सुनने के लिए रुक सा गया है । मीना अगर साथ हो तो वह चुप कैसे बैठेगी ? स्वाभाविक रूप से वह हीरेन का साथ देने लगी । मीना की आवाज में गजब की कशिश थी । इतनी मीठी इतनी सुरीली आवाज तो राधा रानी की ही हो सकती है । मीना ने अपनी मीठी आवाज से समां बांध दिया । जज साहब कहने लगे "बड़ी अजीब बात है । शरबती पान खाता हीरेन है और आवाज मीना की शरबती हो रही है । ईश्वर की भी कैसी लीला है । मीना राधा रानी है तो हीरेन श्याम छबीला है" । जज साहब की इस तुकबंदी पर सब लोग जोरों से हंस पड़े । इतने में बस अपने गंतव्य स्थल पर पहुंच गई । 


हीरेन ने फोन से अपने एजेंट विक्रम को कलाकारी दिखाने के लिए कह दिया और हीरेन ने स्क्रीन ऑन कर दिया । हीरेन कहने लगा "मेरी टीम में बहुत सारे लोग हैं । उनमें एक है किशोर दा । किशोर दा बहुत बड़े मेकअप मैन हैं । हूबहू वैसा मेकअप कर देते हैं जैसा उन्हें कोई फोटो दिखाया जाता है । तो अभी एजेंट विक्रम को "सलीम" बनाया गया है जो मशहूर मॉडल प्रियंका बिजलानी का ब्वाय फ्रेंड था । सलीम को गायब हुए लगभग 2 साल हो गए हैं । एजेंट विक्रम प्रियंका बिजलानी के घर गया है सलीम उसका ब्वाय फ्रेंड बनकर । देखते हैं कि क्या तमाशा होता है वहां पर ? 


एजेंट विक्रम के शरीर पर चारों दिशाओं में देखने के लिए चार कैमरे और एक वाइस रिकॉर्डर फिट थे । उनसे स्क्रीन पर पिक्चर दिखाई देगी और वायस रिकॉर्डर से आवाज सुनाई देगी । जज साहब को बड़ा आश्चर्य हो रहा था हीरेन की मेहनत को देखकर । इतने में स्क्रीन पर एक दरवाजा दिखाई देने लगा । 

"ये दरवाजा प्रियंका बिजलानी का है योर ऑनर । विक्रम उसके घर पर पहुंच गया है और उसने डोर बेल बजा दी है । अभी थोड़ा मजा आने वाला है" । उसकी आंखों में चमक थी । इतने में दरवाजा खुला और सामने सलीम को देखकर प्रियंका बिजलानी जोर से चिल्लाई "भूत भूत भूत" और घर के अंदर भाग गई । एजेंट विक्रम भी उसके पीछे पीछे घर के अंदर घुस गया लेकिन प्रियंका उससे बचने के लिए पूरे घर में दौड़ती रही । वह जोर जोर से चिल्लाती भी जा रही थी "बचाओ, बचाओ , भूत , भूत" । सब लोग इस सीन का आनंद लेने लगे । मीना तो उछल उछल कर ताली बजाने लगी । 


हीरेन ने आदित्य से कहा "अपनी टीम से बोलो कि वह प्रियंका को अरेस्ट कर ले" । आदित्य ने आगे पास ऑन कर दिया । थोड़ी देर में पुलिस प्रियंका बिजलानी के घर पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया गया । 


"कहो कैसी रही ? आया मजा" ? हीरेन ने जज साहब से कहा । 

"बहुत मजा आया । ऐसा मजा और चाहिए अभी । दिला सकते हो" ? जज साहब बोले 

"क्यों नहीं । इस बार का मजा थोड़ा डिफरेंट होगा" । हीरेन मुस्कुराते हुए बोला "हमारी टीम में एक साइबर एक्सपर्ट है । वह किसी भी फोन को ट्रैक कर सकता है । किसी भी फोन पर किसी के फोन नंबर से बात कर सकता है । अब संजय मूंदड़ा की पत्नी के मोबाइल पर संजय मूंदड़ा के फोन से बातें होंगी जो सबको सुनाई देंगी । अब देखना कि कितना मजा आता है" ? हीरेन आनंदित होकर बोला । 


इतने में स्क्रीन पर आवाजें आने लगीं 

"हैलो, मैं संजय बोल रहा हूं" 

"हैलो, कौन संजय" ? संजय मूंदड़ा की पत्नी सविता मूंदड़ा ने घिघियाते हुए कहा । 

"अरे कमाल कर रही हो । अपने पति यानि मुझे नहीं पहचान रही हो । मैं संजय मूंदड़ा" । उधर से आवाज सुनाई दी । इस आवाज और संजय मूंदड़ा का नाम सुनकर सविता मूंदड़ा के होश उड़ गये । वह मिमियाते हुए कहने लगी 

"क क क कौन ? कहां से बोल रहे हो तुम ? तुम तो घर से चले गये थे ना ? 

"अरे पगली, चला क्या गया था , किसी ने मेरा किडनैप कर लिया था । मैं जैसे तैसे छूटकर आ रहा हूं । ठीक है ? मेरे छूटने से क्या तुम्हें खुशी नहीं हो रही है" ? 

"ह हो रही है, बहुत खुशी हो रही है । घर कब आ रहे हो" ? 

"आज रात को हीआ रहा हूं । तुमसे दूर हुए बहुत दिन हो गये हैं । आज की रात मैं तुम्हारी बांहों में सोना चाहता हूं" । संजय की बड़ी शानदार मिमिक्री कर रहा था एजेंट विक्रांत । 

"पर आज तो मैं हरिद्वार जा रही हूं , कैसे मिल पाऐंगे हम दोनों" ? 

"सिम्पल ! तुम अपना हरिद्वार का ट्यूर कैंसल कर दो । वैसे भी पति से बढ़कर और कौन से तीरथ होते हैं । क्यों हैं ना" ? उधर से हंसने की आवाज आई । 

"जी" । सविता से कुछ कहते नहीं बना । उसने तो आज की रात अपने प्रेमी के साथ मनाने की तैयारी कर रखी थी फिर ये "मूसलचंद" कहां से आ टपका ? उसने फोन बंद कर अपने प्रेमी को फोन लगाया मगर फोन लगा ही नहीं । वह गुस्से से बड़बड़ा उठी "इस साले को भी आज ही यहां आकर मरना था । कहता है कि आज की रात तेरी बांहों में सोना चाहता हूं । पागल कहीं का ! ये बाहें तो अब किसी और के गले का हार बन चुकी हैं । वह मन ही मन बड़बड़ाई "यह तो मर चुका था न । मेरे सामने ही मारा है इसको । फिर यह जिंदा कैसे हो गया" ? सविता भाभी बदहवास सी हो गई थी । 

सविता की बातें सुनकर जज साहब बड़े आश्चर्य चकित हुए और कहने लगे "ये तो कमाल की चीज सुनाई आपने हीरेन बाबू । सच में आप तो कमाल के हैं । सब बातें साफ कर दी हैं आपने । सब कुछ सामने घटित हुआ सा लग रहा है" । जज साहब की बातों से हीरेन फूलकर कुप्पा हो गया और उसने अपनी जेब से चांदी का पानदान निकाला और उसमें से एक एक शरबती पान सबको खिलाया । सब लोग आनंद मग्न हो गये । 


रात के करीब दस बज चुके थे । हीरेन ने कहा "अब हमें 'साइट' पर चलना चाहिए" 

"कौन सी साइट" ? आदित्य ने पूछ लिया । 

"उत्तम नगर में जो नया थाना बन रहा है वहां पर" । बस उत्तम नगर थाने की ओर मुड़ गई । साइट से करीब आधा किलोमीटर पहले ही बस रुकवा दी गई और सब लोग उतर गये । बस वापिस भेज दी गई और सब लोग पैदल पैदल हीरेन के पीछे पीछे चल दिये । हीरेन एक जगह रुका । वहां पर कुछ बिल्डिंग मैटेरियल पड़ा हुआ था और कुछ नींव खुद रही थी । हीरेन आश्वस्त हो गया कि यही वो जगह है जहां कातिल आने वाला है । हीरेन ने सबको अपनी अपनी पोजीशन लेने के लिए कह दिया । स्वयं हीरेन मीना, जज साहब और आदित्य को अपने साथ लेकर एक बड़े से पत्थर के पीछे छुपकर बैठ गया । सब लोगों को हिदायत दे दी गई कि कोई कुछ नहीं बोलेगा । इतने में हीरेन ने फुसफुसाते हुए कहा 

"कातिल वहां से चल दिया है और अपने साथ एक लाश लेकर आ रहा है । वह उस लाश को इस थाने की जमीन में गाड़ेगा । जैसे ही वह लाश गाड़ना शुरू करेगा , हम उसे तुरंत पकड़ लेंगे" । सब लोग आश्चर्य से उसे देख रहे थे । 


लगभग आधा घंटे बाद एक गाड़ी वहां आकर रुकी । गाड़ी की ड्राइविंग सीट से एक दाढी मूंछों वाला युवक उतरा । उसने गाड़ी में से एक फावड़ा और एक कुदाल निकाल ली । फिर वह जमीन खोदने में जुट गया । लगभग एक घंटे में उसने 8 फुट लंबा , 3 फुट चौड़ा और 6 फुट गहरा गड्ढा खोद लिया । हीरेन ने आदित्य को इसकी वीडियोग्राफी करने के लिए कह दिया था इसलिए वह खुद वीडियो बना रहा था । हैंडीकैम हीरेन ने ही दिया था उसे । यह हैंडीकैम अंधेरे में भी बढिया वीडियो बना लेता था । 


इसके बाद उस दाढी मूंछों वाले युवक ने गाड़ी की डिक्की खोली और उसमें से एक लाश निकाली और उसे उस गड्ढे में डाल दिया । वह जैसे ही उसे मिट्टी में दबाने लगा तभी हीरेन जज साहब, आदित्य और मीना को साथ लेकर उसके सामने आ गया । उन सबको देखकर वह युवक घबरा कर भागने लगा लेकिन सब लोग तैयार थे इसलिए उसे दबोच लिया गया । हीरेन ने आदित्य को इशारा किया और उस युवक को हिरासत में ले लिया गया । जज साहब की आंखें फटी की फटी रह गईं । 



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