मतदान कन्यादान समः
मतदान कन्यादान समः
अप्रैल माह 2
आप और हम सभी लोग अपनी बेटी के ब्याह के लिए घर वर कितनी चिंता से खोजते हैं कि वह सुयोग्य हो और घर भी मजबूत हो इसी तरह हमें अपने मतदान प्रत्याशी के लिए भी सजग रहना चाहिए कि वह सुयोग्य, कर्मठ चरित्रवान सत्यनिष्ठ, आत्म-जागरूक, साहस, सम्मान, करुणा ,लचीलापन वाला व आत्मविश्वासी होना चाहिए। योग्य वर न होने पर बेटी का हश्र व परिजन के हालात कैसे होते हैं आप सभी ने देखा होगा ।
मैं आज एक छोटा सा चुटकुला बताना चाहूंगी क्लास में टीचर के न होने पर दो लड़कों को उनके मॉनिटर ने मुर्गा बना दिया , दोनों आपस में बातचीत करने लगे कि हम 2 को ही मुर्गा क्यों बनाया ,जब कि पूरी क्लास बात कर रही थी ??
तब फिर दूसरा वाला लड़का बोला कि जिस दिन इसको मॉनिटर बनाया गया उस दिन हम दोनों एब्सेंट थे । ये मात्र चुटकुला नहीं इस से हमें यह सीख मिलती है कि हम अपने जिम्मेदारी बराबर से निभाए नहीं तो कोई ऐसा ही मॉनिटर (नेता ) चुनकर आ जाएगा और हमें 5 साल तक मुर्गा बनने जैसी सजा झेलनी पड़ जायेगी ।
बाद में मात्र पछतावा हाथ लगेगा काश हमने अपने मत का उपयोग किया होता
इसलिए आप लोग भी वोटिंग के दिन अब्सेंट ना रहे अपने दूसरे काम छोड़कर मतदान केन्द्र पर जाकर अपना बहुमूल्य मत सुयोग्य प्रत्याशी को देकर आयें । एकता ,संगठन में शक्ति होती है ।
कहा भी गया है बुरे लोगों के बोलने से उतनी हानि नहीं होती जितना कि अच्छों के चुप रहने से इसलिए आप सभी महानुभाव अपने मत का सु प्रयोग करने के लिए मतदान केंद्र अवश्य जाएं । अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन जिम्मेदारी से करें ।