मुलाक़ात
मुलाक़ात
अमृत मद्रास मे रहने वाला लड़का था, वह एयर क्राफ्ट इंजीनियर था। उसकी ट्रेनिंग चल रही थी, ट्रेनिंग के दौरान उसे मेडिकल टेस्ट के लिए कोलकाता भेजा गया था।
जब वह एयरपोर्ट पर उतरा तो उसकी मुलाक़ात अहाना से हुई थी, अहाना वही कोलकाता मे रहती थी।
अमृत पहली बार कोलकाता आया था तो उसे रास्तो के बारे मे नही पता था तो उसने अहाना से पूछा तो उसने बताया की यहाँ से जाओगे तो जल्दी पहुंच जाओगे और वह वही से चला गया। दोनों अपने अपने रास्ते चले गए।
अहाना कलकत्ता हॉस्पिटल के बगल मे बुटीक था वह वही काम करती थी, अमृत जब हॉस्पिटल आया था तब उसने वो बुटीक नहीं देखा था। सारे मेडिकल टेस्ट कराते कराते शाम हो गयी टेस्ट कराने के बाद जब वह हॉस्पिटल से निकला तो एक बार फिर उसकी मुलाक़ात अहाना से हो गयी, वह बुटीक बंद करके घर जा रही थी।
दोनों ही बस का इंतजार कर रहे थे की अचानक से नज़र पड़ गयी थी दोनों की तो, अमृत धन्यवाद करने आया था उस दिन के लिए।
धन्यवाद के बाद दोनों की बाते शुरू हो गयी, बस भी नहीं आ रही थी। बाते करते करते एक बस भी छूट गयी दोनों की। फिर दूसरी बस आने मे देर लगा दी, तो बाते थोड़ी और लम्बी हो गयी। तभी थोड़ी देर मे अचानक से अहाना की बस आ गयी।वो बस मे चढ़ गयी।
अमृत और अहाना को बस नाम ही पता था दोनों का। बाते तो दुनिया भर की, की थी दोनों पर अपने अपने बारे मे कुछ ना बताया और ना पूछा।
वो मुलाक़ात ऐसी थी की दोनों भुला नहीं सकते। आज भी याद करके मुस्कुरा देते हैं, अकेले में।