Kawaljit Kaur

Children Stories

4  

Kawaljit Kaur

Children Stories

नौकरी की चिंता

नौकरी की चिंता

2 mins
242


शामलाल ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भी उसे नौकरी नहीं मिली इसलिए वह डिप्रेशन में चला गया। वह अकेले कमरे में रहने लगा। उसके माता-पिता ने भी बहुत कोशिश की उसे नौकरी दिलाने लेकिन वो भी असफल रहे।

एक दिन शामलाल के पिता ने उसे अपने कमरे में रोते हुए देखा। उसने अनदेखा किया और रसोईघर में जाकर शामलाल को आवाज दी। शामलाल थोड़ी देर में रसोईघर में आया। शामलाल के पिता ने तीन बर्तनों में पानी भरा और तीनों को आग पर रख दिया।

जब बर्तन में रखा पानी उबलने लगा तो उन्होंने एक बर्तन में कुछ आलू डाले, दूसरे में अंडे डाले और तीसरे में कॉफी के बीज डाले। फिर उन्होंने पानी को उबलने दिया। वह अपनी बेटे से बिना कोई शब्द कहे चुपचाप बैठ गए। शामलाल को प्रतीक्षा करने में मुश्किल हो रही थी और वह सोच रहा था कि उसके पिता क्‍या कर रहे है।

पंद्रह मिनट बाद उसके पिता ने गैस बंद की। उन्होंने बर्तन में से आलू निकाले और एक कटोरी में डाल दिए। फिर उन्होंने अंडे निकाले और उसे दूसरी कटोरी में डाल दिए। फिर उन्होंने कॉफी निकाली और कप में डालीं।

अपने बेटे की तरफ देखते हुए उन्‍होंने उससे पूछा, “तुम क्या देख रहे हो?” शामलाल ने जवाब दिया, “आलू, अंडे और कॉफी” फिर पिता ने कहा, “थोड़ा करीब से देखों और आलू को छूकर देखो।” शामलाल पास गया और उसने देखा कि आलू नरम थे।

नैतिक शिक्षाप्रद कहानियाँफिर पिता ने उसे अंडा लेकर तोड़ने के लिए कहा। अंडे का छिलका उतारने पर शामलाल ने देखा कि अंडा अंदर से पका हुआ था। फिर आखिर में पिता ने उसे कॉफो पीने के लिए कहा। कॉफी की खुशबू से उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई। उसने अपने पिता से पूछा, “इसका कया मतलब है?” फिर उसके पिता ने बताया कि, “आलू, अंडे और कॉफी को मैंने एक हो मात्रा में पानी में उबाला। लेकिन तीनों पर उसका प्रभाव अलग अलग हुआ।

आलू मजबूत था लेकिन गर्म पानो में डालकर बह नरम और कमजोर हो गया। अंडा पहले नाजुक था और उसकी बाहरी परत उसका ध्यान रखती है लेकिन पानी में डालकर बह मजबूत हो गा। लेकिन काफी के. चीज अनमोल थे। जब उन्हें उबलते हुए पानी में डाला गया तो कुछ नया निकलकर सामने आया।”

फिर पिता ने अपने बेटे शामलाल से पूछा, “तुम इनमें से कौन हो? जब तुम्हारे सामने कोई मुसीबत आती है तो तुम किस, तरह सामना करते हो? क्‍या तुम आलू हो, अंडा हो, या कॉफी के बीज हो ?”

Moral of the story – जिंदगी मे सीखना और मुश्किलों को दूर करना चलता रहता है। हमें हर दिन कुछ नया अनुभव करने को मिलता है जिससे हम अपनी जिंदगी को बेहतर बनाते हैं।


Rate this content
Log in