सबसे कीमती चीज
सबसे कीमती चीज
सीलमपुर गांव में एक भिखारी रहता था। वह बड़ी मुश्किल से अपना गुजारा करता था। उसे ठीक से खाने या पिने नहीं मिलता था, जिस वजह से उसका बूढ़ा शरीर सूखकर कांटा हो गया था। वह अपने आप को बहुत ही कमज़ोर महसूस करने लगा था।
एक दिन वह रास्ते के एक ओर बैठकर गिड़गिड़ाते हुए भीख मांगा करता था। एक बालक उस रास्ते से रोज अपने स्कूल के लिए निकलता था। भिखारी को देखकर उसे बड़ा बुरा लगता। उसका मन बहुत ही दुखी होता।
वह छोटा बालक सोचता, “आखिर यह आदमी क्यों भीख मांगता है? भगवान उसे उठा क्यों नहीं लेते?”
एक दिन उससे न रहा गया। वह भिखारी के पास गया और अपनी टिफिन में से कुछ रोटियां देते हुए बोला, “बाबा, तुम्हारी ऐसी हालत हो गई है फिर भी तुम जीना चाहते हो तुम भीख मांगते हो, पर ईश्वर से यह प्रार्थना क्यों नहीं करते कि वह तुम्हें अपने पास बुला ले?
भिखारी ने हँसते हुए बोला, “बेटा तुम जो कह रहे हो, वही बात मेरे मन में भी उठती है। मैं भगवान से रोज प्रार्थना करता हूं, पर वह मेरी सुनता ही नहीं। शायद वह चाहता है कि मैं इस धरती पर रहूं, जिससे दुनिया के लोग मुझे देखें और समझें कि एक दिन मैं भी उनकी ही तरह था, लेकिन वह दिन भी आ सकता है, जबकि वे मेरी तरह हो सकते हैं। इसलिए बेटा किसी को घमंड नहीं करना चाहिए।
लड़का भिखारी की ओर देखता रह गया। उसने जो कहा था, उसमें कितनी बड़ी सच्चाई समाई हुई थी। हमारी जिंदगी सबसे कीमती चीज है।