बिखरें हुए शब्दों और लफ़्ज़ों को चुन उन्हें धागों में पिरोकर कभी माला बनाती हुँ तो कभी गजरा... शब्दों से फ़िजा गुनगुनाती है तो लफ़्ज़ों से वह महकने लगती है...
उसने कहा, “देखो, दुनिया गोल है..” हाँ, वह झट से बोल पड़ी, “और छोटी भी...” उसने कहा, “देखो, दुनिया गोल है..” हाँ, वह झट से बोल पड़ी, “और छोटी भी...”
गुलमोहर तो गुलमोहर है… अपने सुर्ख़ लाल फूलों से वह सूरज को चैलेंज करता है। गुलमोहर तो गुलमोहर है… अपने सुर्ख़ लाल फूलों से वह सूरज को चैलेंज करता है।
किताबों की यह दुनिया उन लड़कियों को सवाल करना सिखाती है Some words added One word delete... किताबों की यह दुनिया उन लड़कियों को सवाल करना सिखाती है Some words added ...
पानी पर लिखे नाम की वह इबारत लहर आने से पहले ही मिटती जा रही थी... पानी पर लिखे नाम की वह इबारत लहर आने से पहले ही मिटती जा रही थी...
हर साल गर्मियों के कपड़े सहेज सर्दियों के कपड़े निकालने वाली. हर साल गर्मियों के कपड़े सहेज सर्दियों के कपड़े निकालने वाली.
अक्सर ऐसे ही कागज़ फाड़ते हुए हम जिंदगी की नयी शुरुआत ही तो करते रहते है...नहीं ? अक्सर ऐसे ही कागज़ फाड़ते हुए हम जिंदगी की नयी शुरुआत ही तो करते रहते है...नहीं ?
..चाँद भी जैसे खिड़की से झाँक कर मुस्कुराता हुआ इस बात की गवाही दे रहा था… ..चाँद भी जैसे खिड़की से झाँक कर मुस्कुराता हुआ इस बात की गवाही दे रहा था…
गाँव के साथ ही काका काकी का घर छूट गया गाँव के साथ ही काका काकी का घर छूट गया
.. लेकिन वह कही थी नही...बस वहाँ फ़ोटो में मौजूद थी...स्माइलिंग फ़ोटो में... .. लेकिन वह कही थी नही...बस वहाँ फ़ोटो में मौजूद थी...स्माइलिंग फ़ोटो में...
कब किसे क्या अच्छा लगेगा नो वन नोज़.... देयर इज नो फिक्स फॉर्म्युला। कब किसे क्या अच्छा लगेगा नो वन नोज़.... देयर इज नो फिक्स फॉर्म्युला।