अधूरापन
अधूरापन
अब किससे दिल को लगाओगे?
मेरे बाद तुम खुद को अधूरा पाओगे।
कौन सुबह को उठ के तुम्हारा माथा चूमेगा और
कौन विदा करेगा तुम्हें ऑफ़िस को जाते हुए?
तुम किसको बताओगे की तुम्हें क्या है खाना शाम को और
किसके लिए सामान लाओगे ऑफ़िस से आते हुए?
अब कौन तुम्हें सताया करेगा बार बार फोन कर के और
तुम किस पे झुंझलाया करोगे?
किसको कहोगे तुम कुछ कागज़ संभालने को और
किसे तुम अपनी बातें बताया करोगे?
कौन करेगा अब तुम्हारे कपड़ों, खाने और समान का ख्याल
और तुम किसको हर बात पर सुनाया करोगे?
कौन साथ चलेगा तुम्हारे, बाज़ार के लिए और
तुम किससे अपनी पसंद साझा करोगे?
अब गहरी रातों में कौन तुम्हें बाँहों में समेट लेगा अपनी और
तुम किसको कस के पकड़ के सो जाया करोगे?
सुबह उठ के अपने सपनों के किस्से तुम किसको बताओगे और
चाय के साथ साथ " आज ऑफ़िस जाने का मन नहीं" ये किसको कह पाओगे?
मैं ना होऊँगी तो तुम कितने अधूरे रह जाओगे
और तुम्हारे ना होने से ये सब मैं भी कैसे कर पाऊँगी?
किसको सुनूँगी और अब...किससे रूठ जाया करूँगी?