दूसरी मोहब्बत❣️
दूसरी मोहब्बत❣️
आ में तुझे अपने दिल की बात बताऊं...
में दिल से जो लिख दूं वो मेरे अल्फाज़
होंगे जो तुम आसानी से समझ जाओ वो
हमारी मोहब्बत की दस्ता बन जाएगी...!!
दूसरी मोहब्बत…!
कोई शिकवा तो नहीं फिर भी लगे की
कोई शिकायत है,…उस खुदा से!
तू साथ है मेरे फिर क्यों खुद को अकेला सा महसूस करूं मैं,...
जवाब की तलाश में मैं,…इंतजार करती एक तेरे हां का!
अब कहना होंगा तू चुप्पी कब तक साधे रखेगी,
न जा ऐसे ख़ामोश हो कर दिल तेरा मुझसे खफा तो नहीं है!
तुमसे दूर होकर ये जिंदगी हसीन तो नही है मेरी,…!
गर इश्क़ एकतरफा है तो एकतरफा ही सही
मेरे ख्यालों में तू कम से कम किसी और का तो नही है!
इस एक कतरे मोहब्बत में जाने तेरे लिए क्या क्या न किया,…
ये मोह के धागे तुझसे ऐसे बंधे है,…
वो जो इश्क़ तुझसे किया तेरी यादों से किया !
कुछ खोया तो कुछ पाया,…
पर खोया पहले प्यार को,
बंधा में फिर गहरे रिश्ते में,
वो जो इश्क़ था, अब उनसे हुआ है पर
इजहारे मोहब्बत अभी तक न हुआ है, साल वही है,…!
मोहब्बत नई सी हुई है, कहता नहीं हूं पर
इस दिल में अब तू ही तू बसी है
में हमेंशा तुमसे ही प्यार करूंगा
ये दिल थोड़ा सा सिरफिरा सा हुआ है
तेरे प्यार मैं घायल सा हुआ है
एक अच्छी लड़की के प्यार में दिल फिर से पड़ा है,…!
हां ये सच है, पहला प्यार यादों में गहरी जड़ें जमाए रहता है
मगर उतना ही सच ये भी है की दूसरा प्यार भी हसीन होता है
यूं ही रहना साथ तुम जैसे धूप रहती है छांव के...!!