ए मालिक
ए मालिक
ए मालिक तेरे बंदे हम,
न रहे अब कोई भ्रम,
तेरी राह पर चले,कण कण में तू दिखे,
ऐसे हो हमारे करम।
जब अंधेरा छाए घना,
आशाओं के गीत सुना,
खुद प्रकाश बन जाये हम,
बस ये हो हमारा धर्म।
ये मालिक तेरे बंदे हम,
पथ कंटको से भरा,
शूल खात्मे को खड़ा,
हम निडरता से बढ़े,
धैर्य धारण करे,
चीर प्रतिकूलताओं को,
बस बढ़ते चले,
बस ये हो हमारा धर्म,
कुछ यूं हो कर्म,
ये मालिक तेरे बन्दे हम,
कोई अशक्त जो मिले,
दुःख के बादल हो घिरे,
सुख की फुहार हम बने,
कुछ नेकी पर चले,
बस ये हमारा धर्म,
प्रेम ही प्रेम कर्म,
ये मालिक तेरे बन्दे हम।