खुशी
खुशी
खुशी, वह शब्द है जिसको बोलने से ही
अधरों पे मुस्कान आ जाती है...।
ख़ुशी, वह भाव है जिसके एहसास मात्र से
रोम रोम प्रफुलित हो उठता है।
ख़ुशी, वह जज़्बात है जिसको सबसे साझा करने से
सबके चेहरे चमक उठते हैं...।
खुशियां, वह होती है जिससे बड़े बड़े
गम भुलाना आसान हो जाता है...।
हर तरफ है; ख़ुशी, बस पहचानना है हमें ..
सुबह की गुनगुनी धूप में भी है, ख़ुशी...
दोपहर की नींद में भी है, ख़ुशी...
साँझ की बेला में भी है, ख़ुशी....
बच्चों की मुस्कान में भी है, खुशी...
तो माता पिता की गोद में भी है, खुशी...
दोस्तों के संग मस्ती में भी है, खुशी।
अपनी खुशियां बांटने में भी है, खुशी।
दूसरों की खुशियों में खुश होना भी है, खुशी।
प्रकृति की गोद में है, खुशी।
प्रकृति के संग है, खुशी।।
हर तरफ है;ख़ुशी, बस पहचानना है हमें... अपनी खुशी।
पूजा श्रीवास्तव