मा हिन्दी
मा हिन्दी
स्वाभिमान, अभिमान सम्मान,
अनेक भाषाओं में मेरी प्यारी मातृभाषा।
गौरव, गर्व की गाथा हमारी,
हिमालय सी शोभित दुलारी।
संस्कृति, सभ्यता, आचरण सिखाती,
आत्म विश्वास से जीना सिखाती।
खत्म करो अब विदेशी आक्रमण,
फैलाओ मातृभाषा का संक्रमण।
जनमन की भाषा जन्मभूमि की परिभाषा,
सत् चित आनंद देनेवाली,
बच्चन, दिनकर की अभिलाषा,
सत्य, प्रेम, करुणा अनन्त मातृभाषा।
सहज, सुगम वंदनीय माँ सी ,
मीठी, मनोहर नि:स्वार्थ समाधान सी।
उच्चारण, विज्ञान, पथप्रदर्शक,
विवेक, मृदुता सिखलाती मातृभाषा।