मिट्टी और हम
मिट्टी और हम
मिट्टी से बना शरीर हमारा
मिट्टी में मिल जाना है
मिट्टी अगर रही नहीं तो
अन्न कहाँ से पाना है
प्रदूषण का स्तर देखो
माटी में मिलने वालों
जो आज नहीं चेते हम तो
भूखे ही मर जाना है
पॉलिथीन से अटी पड़ी है
धरती माता की गोद यहाँ
कैसे उपजेगा अन्न फिर
जो मिट्टी हुई समाप्त यहाँ
आगे बढ़ो रोको प्रदूषण
मिट्टी को दो नव जीवन
यही होगा धरती हेतु
मानव का नव अभिवादन।