नेताजी लोलीपॉप दिखाये..
नेताजी लोलीपॉप दिखाये..
नेताजी लालीपाप दिखाऐ..
दिखाए सपने मुंगेरीलाल
कहे ओ के हम करेगें
आपकी हर मुश्किल आसान
कहे के घर घर होगा अनाज
होगी छत अपनी
हर बच्चे को शिक्षा मिलेगीं
दवादारू सब सरकार करेगीं
मकान ! दुकान ! अभिमान!
स्वाभिमान से हर दिदी
आत्मनिर्भर बनेंगी..
सोचो कैसा हर वादा किया पूरा
पैसा जनता का मकान नेता का..
अनाज हमारा गोदाम उनके
मिला कुछ तो खराब मिला
ना भूक मिटी ना पेट भरा..
शिक्षा का भी है तमाशा बनाया ..
कही बच्चों की किताबे, युनिफार्म
सबका काला बाजार लगाया
ग्यान बिका ,ग्यानी बिके..
शिक्षक कितने ग्यान बिना
सबसे बडा शिक्षा का दुकान
धंदा बडे प्राँफिटवाला..
सुखो की सीमा ना पुछो
सडक खड्डों में गुम देखो
पानी कहीं लिक देखो
कही सुखी जमिन देखो
खेती और किसान का हाल तुम न पुछो
बरबाद होके त्यागे है प्राण
मौत की पुष्टी उनकी
कभी कभार ही होती है यार
कही मिला मुहावजा
कही बेवा करे इंतजार
आगे नौंटकी बडी
नेता बकते दिखे घडी घडी
इडी करे यूँ पिछा के
सत्ता पक्ष में घुसे नेता
आक्रित ,विपरीत ….
तत्वहिन …
लाँलीपाँप नेताजी का
दिखे बस चुनाओ के दिन..
बस जरा ख्याल रखना
फिरसे कुर्सी पे ना
दलाल बिठाणा..
सोच समझके
अपना ओट डालना
किसी लॉलीपॉप के
अब झांसे में न आना..