नमन परशुराम जी
नमन परशुराम जी
हे परशुराम जी चिरंजीवी देवता नमन है तुमको।
विष्णु जी के छठे अवतार हो तुम।
अमरता का तुम्हें वरदान मिला।
आपने शिवजी की करी घनघोर तपस्या
तब उन्होंने फरसा तुम को प्रदान किया।
माता रेणुका पिता जमदग्नि की संतान हो तुम।
पिता के इतने आज्ञाकारी उनके कहने पर अपनी माता की ही गर्दन काट डाली।
फिर पिता को प्रसन्न किया
माता को नया जीवन दिया।
क्षत्रियों की हिंसा और क्रूरता से बचाने के लिए उन्होंने पृथ्वी को क्षत्रिय विहीन करा।
हे देव दया रखना सब पर आतंकियों का अब अंत तू कर।
भक्त पूजा तुम्हारी करते हैं।
तुलसीपत्र ,कुमकुम ,अगरबत्ती, फूल मिठाई भेंट तुमको करते हैं।
अक्षय तृतीया को हम सब मिलकर पूजन तुम्हारा करते हैं।