फकीर संवादभाग –1
फकीर संवादभाग –1
कि तुम दुआ दो,
मैं रुपया दूंगा।
खैर है नहीं अभी,
लेकिन चुका दूंगा।
लेकिन याद रहे,
दुआ इस तरह करना।
बदल जाए किस्मत,
ये दुआ करना।
जब बदल जायेंगे दिन,
तो गरीबी का दाग मिटा दूंगा।
तेरी दुआओं के बदले,
तुझ पे भी दौलत लूटा दूंगा।
चलो एक बात बताओ ,
तुम्हारी क्या मजबूरी है।
खुद के लिए भी कुछ मांग लो,
भला अपने लिए भी जरूरी है।
बन जाऊँ क्या फकीर मैं भी,
अपना भी कुछ भला करूंगा।
शायद बदल जाएं हालत मेरे ,
मैं भी यही दुआ करूंगा।
खैर छोड़ो अब,
तुम मुझे दुआ दो,
मैं तुम्हें रुपया दूंगा।
खैर है नहीं अभी,
लेकिन चुका दूंगा।