राज में हिंदी: काज में हिंदी
राज में हिंदी: काज में हिंदी
मैं राज की भाषा, मैं काज की भाषा!
हर हिन्दुस्तानी के सहृदय आवाज़ की भाषा!
मैं संवाद की सलिला सतत बहती आई हूँ...
ममतामयी मातृत्व समेटे मैं संवाद की भाषा...
"राज काज में हिंदी "
राज-काज में हिंदी, जन - जन के आवाज़ में हिन्दी !
हिंदी ही हिंद का भाग्य विधाता,
हिंदी ही राष्ट्र का नीति निर्माता!
हर हिन्दुस्तानी के रग -रग के आवाज़ में हिंदी !
राज में हिंदी, काज में हिंदी!
पर्वत राज हिमालय का मुकुट भी हिंदी,
हिंद महासागर के अथाह समुद्र में कन्याकुमारी का चरण भी हिंदी!
अटक से कटक तक भारतभूमि को एक सूत्र में पिरोने वाली आवाज भी हिंदी .... अल्फाज़ भी हिंदी!
राज में हिंदी ....काज में हिंदी !!
युगों युगों से भारतीय सनातन संस्कृति की संवाह भी हिंदी... संवाद भी हिंदी!
गंगा-जमुनी तहजीब की अभिव्यक्ति भी हिंदी, अनुभूति भी हिंदी
तुलसी-सुर- मीरा- कबीर-भारतेंदु- प्रेमचंद में हिंदी!
पंत-प्रसाद-निराला-महादेवी सरीखे अगणित साहित्यिक में हिंदी!
राज में हिंदी ..काज में हिंदी।।