रिक्त होना
रिक्त होना
सही है
समय समय पर
हृदय का रिक्त होना
बहुत जरूरी है
मगर मुझे लगता है
जरूरी तो है
मगर पूरी तरह से
रिक्त होने में
वह बात नहीं रहेगी
जो एक थरथरी/गुदगुदी/सिहरन
के रहने पर
महसूस होती है।
जब भी जहन
सोचता है वो सब
जो बीते लम्हों में कभी
कहीं कुछ घटा /महसूस किया
कहता है दिल को कि
उन्हीं सब बातों की
कहीं कोई एक खलिश,
एक मिठास
और कुछ एक याद
जरूर रह जानी चाहिए
फिर से
भरे जाने से पहले।
अहसास रहे
की ये भी हुआ था
खट्टा-तीता, मीठा सा
और ये भी कि
ये फिर हो सकता है।