रिश्ते टूटते क्यों हैं...?
रिश्ते टूटते क्यों हैं...?
आज किसी ने पूछा कि रिश्ते टूटते क्यों हैं,
तो मैंने भी कह दिया
जब से बच्चों ने बड़ों का आदर करना बंद किया,
प्रेम विवाह की रीत का प्रचलन बढ़ा,
फिल्मों की दुनिया में रहने का शौक चढ़ा,
तब से रिश्तों में वो प्यार सम्मान न रहा,
जो पहले था,
और यही कारण है रिश्तों में दरार का,
हमें फिल्मों की दुनिया ने इतना लुभाया,
कि हमने रिश्तों में विश्वास का गला दबाया,
लोगों की जिंदगी में इतना उलझे,
कि खुद की जिंदगी में उलझनें बढ़ने लगी,
सचमुच रिश्ते टूटते नहीं अगर हम थोड़ा संयम बरतते,
और थोड़ी सहनशीलता दिखाते,
कोई भी रिश्ता कुछ सालों में मजबूत नहीं होता,
बल्कि उसे धीरे धीरे मजबूत बनाना पड़ता है,
जिस प्रकार बीज एकदम पौधा नहीं बन सकता,
उसे बारी बारी सींचना होता है,
कब उसमें पानी और खाद डालनी है यह ध्यान देना होता है,
उसी प्रकार रिश्तों में आने वाली दरारों को बैठकर सुलझाना होता है,
क्योंकि कोई भी कपल परफेक्ट नहीं होता,
वो धीरे धीरे परफेक्ट बनाता है,
कभी अपने बड़ों से सीखकर तो कभी आपसी समझदारी से,
अगर हर कोई परफेक्ट होता तो तलाक की नौबत आती?
अगर हर कोई परफेक्ट होता तो कभी झगड़े होते?
जरा सोचो
और हां हर किसी को एक मौका दो अपनी बात रखने का,
क्योंकि कभी कभी हम जो सोचते हैं वो सच नहीं होता,
इसलिए रिश्तों को मजबूत बनाना है तो समय दो,
क्योंकि रिश्तों के टूटने का अहम कारण,
एक दूसरे को समय न देना भी है।