तेरी हंसी में हंसू तुझे अपने में समेटे हुए बहती जाऊं। तेरी हंसी में हंसू तुझे अपने में समेटे हुए बहती जाऊं।
कामनाएं तभी हमारी पूरी हो जब कर्तव्य बोध न बिसराएं। कामनाएं तभी हमारी पूरी हो जब कर्तव्य बोध न बिसराएं।
जुबाँ रूके दम घुटे निकलें आँसू। जुबाँ रूके दम घुटे निकलें आँसू।
विक्षत धरा का वक्षस्थल आघात गहरा लहू विरल। विक्षत धरा का वक्षस्थल आघात गहरा लहू विरल।
मुझमें समाहित हो मुझे एक मकसद दे जाती है। मुझमें समाहित हो मुझे एक मकसद दे जाती है।
तुम नाराज़ हो हमसे बस तुझको तो बहते रहना है। तुम नाराज़ हो हमसे बस तुझको तो बहते रहना है।