तेरी हंसी में हंसू तुझे अपने में समेटे हुए बहती जाऊं। तेरी हंसी में हंसू तुझे अपने में समेटे हुए बहती जाऊं।
देश के रक्षकों को नमन करती कविता। देश के रक्षकों को नमन करती कविता।
जटा विशाल, रूप विकराल, कालों का काल, मेरा महाकाल। जटा विशाल, रूप विकराल, कालों का काल, मेरा महाकाल।
यह क्षण हमें गौरवान्वित कर रहा है। यह क्षण हमें गौरवान्वित कर रहा है।
चाहे दु:ख हो चाहे सुख हो, दिन और रात का ज्ञान नहींं।। चाहे दु:ख हो चाहे सुख हो, दिन और रात का ज्ञान नहींं।।
जो हार से ना कभी डरता है, और खुद को समर्पित करता है, संग उसके सफलता सोती है, हाँ जीत उसी की होती है जो हार से ना कभी डरता है, और खुद को समर्पित करता है, संग उसके सफलता सोती है, हाँ...