स्वर्ण उषा की लाली देखो नव प्रभात मन सुरभित कर लो। स्वर्ण उषा की लाली देखो नव प्रभात मन सुरभित कर लो।
पुआल की बनी झोपड़ी -- जो आश्रय है, किसी का प्रतीत होते, छाया चित्र समान नन्हें नन्हें रोशनदानों ... पुआल की बनी झोपड़ी -- जो आश्रय है, किसी का प्रतीत होते, छाया चित्र समान नन्ह...
मुझे कुछ और साँसें उधार दो हो सके तो मुझे अपने साथ-प्यार-जीवन का उपहार दो। मुझे कुछ और साँसें उधार दो हो सके तो मुझे अपने साथ-प्यार-जीवन का उपहा...
और मैं डूबती ही जाती हूँ इस नीरवता में जैसे तूफान में फंसी एक कागज की नाव और मैं डूबती ही जाती हूँ इस नीरवता में जैसे तूफान में फंसी एक कागज की न...
मुखमंडल से निकलती आभा जैसे हो शशि की छाया मुखमंडल से निकलती आभा जैसे हो शशि की छाया
रात की नीरवता में सोच का विस्तृत आकाश। रात की नीरवता में सोच का विस्तृत आकाश।