Dinesh Dubey

Horror Fantasy Thriller

3  

Dinesh Dubey

Horror Fantasy Thriller

पंचम भाग 23

पंचम भाग 23

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लड़की चौक कर कहती है, " सभी गाड़ियां मेरा मतलब यहां कौन सी गाड़ी लाए हो।"


चरक पूछता है, " तुम्हें कौन सी गाड़ी में चलना है, तुम जो कहोगी वो आ जाएगी।" 


लड़की चारों ओर देखती है, गाड़ियां तो कई खड़ी है पर इन लोगों की कौन सी गाड़ी होगी समझ नहीं आ रहा था।

लड़की कहती है "अच्छा तो जो मैं कहूंगी वो गाड़ी आ जायेगी ।"


कारक कहता है, " तुम बोल के तो देखो।"


वह आदमी कहता है " " भाई सुऊबाह से पैदल हो देख रहा हम क्यों टाईम पास कर रहे हो, चलो दो टैक्सी पकड़ो निकल चलो?!

लड़की कहती है, " तुम चुप रही यार, हां तो मुझे लग्जरी कार लेमोजन में जाना है।"


श्रमिक कहता है, " लो अभी सामने से तुम्हारी लग्जरी कार लेमोजन आ रही है।"

वह हाथ आगे करता है, तो दूर से लग्जरी कार लेमोजन आती दिखाई पड़ती है, यह देख लड़की और वह आदमी दोनों ही चौकते है क्योंकि उनके यहां तो सिक्स डोर कार तो बनाई हुई भी नहीं थी और ये कार तो लंदन पेरिस अमेरिका जैसे बड़े देशों में ही है, और भारत में एकाध दो लोगों के पास ही होंगी।


लड़की उछलती हुई कहती है, " वॉव,! ये तुम्हारी गाड़ी है।"

चरक कहता है, " यहां का सब कुछ हमारा ही है ।"


लड़की चौक कर देखती है, और कहती है, " सबकुछ मतलब ?"


अवधूत कहता है, " चलो छोड़ो गाड़ी में बैठो और चलो सभी सभी लोग गाड़ी में बैठ जाते हैं, और चल पड़ते है, लड़की तो गाड़ी ही देखती रहती है, थोड़ी देर में वह लोग एक दूसरे बड़े बंगलो में पहुंचते है, तो वहां पता चलता है तीन लड़कियां नई आज ही आई थी और अभी थोड़ी देर पहले ही कस्टमर के साथ गई हैं,!!


पंचम चौक कर एक दूसरे को देखते है।"


लड़की कहती है " यहां से लोग लड़कियों को लेकर पास ही एक तीन सितारा होटल हैं वहां ले जाते हैं या फिर पास ही एक फॉर्म हाउस में ले जाते हैं, !!

नैवेद्य कहता है, " जल्दी करो वो जगह बताओ अन्यथा वह तीनों भी मारे जायेंगे।"


लड़की उनसे पूछती है, " आप लोग पुलिस वाले हो या सीबीआई से हो।"


कारक कहता है, " हम जो भी हैं तुम्हारे हित के लिए ही काम कर रहे हैं, बातों में देर मत करो चलो यहां से।"

वह आदमी कहता है, " अरे भाई इसको मैं अपने लिए लाया और तुम लोग इसको लेकर घूमते ही रहोगे, तो मैं क्या करूंगा।" 

नैवेद्य कुछ रुपए उसके ऊपर फेंकते हुए कहता है, " ये लो जाओ कोई और लेकर अपनी गंदी प्यास बुझाओ।"

वह सब गाड़ी लेकर जाते हैं, पहले तो कोई बताने के लिए तैयार नहीं हुआ तो श्रमिक उनके चेहरे के सामने हाथ घुमाता है तो वहां पता चलता है दो लोग तो अभी अभी लड़कियां लेकर आए है,उनके रूम नंबर हैं 1002 और दूसरे का 2003,अवधूत और नैवेद्य अंदर जाते हैं और कारक को बाहर खड़ा करते हैं, !!


उसके बाद फॉर्म हाउस पर जाते हैं, तो वहां भी श्रमिक को वही तरीका अपनाना पड़ता है, जो पहले अपनाया था, पता चलता है की उन्होंने साइड का कॉटेज नंबर 5 बुक किया है।"


चरक उस लड़की से गाड़ी से वापस जाने के लिए कहते है, लड़की वहां से गाड़ी में बैठकर वापस जाती है, !!


नैवेद्य और अवधूत तेजी से एक एक कमरे में सूक्ष्म रूप में अंदर प्रवेश करते हैं, तो दोनों ही शर्मा जाते है, कमरे में दोनों ही पुरुष और महिला बिना वस्त्र के खड़े थे, दोनों ही लड़कियां खूबसूरती में अप्सराओं को भी पीछे छोड़ रही थी ।"

दोनों ही आदमी अधेड़ उम्र के थे, और धनी भी लग रहें थे, !!


दोनों ही लड़कियां उन्हें उत्तेजित कर चुकी थी, उत्तेजित होने पर खून का दौड़ा तेज़ी से होता है, वह लड़कियां उनके साथ सहवास करना ही चाहती थी यह देख 

नैवेद्य और अवधूत दोनों ही तेज़ी से उन दोनों आदमियों में प्रवेश कर जाते हैं, !!


उनके प्रवेश करते ही, दोनों ही लड़कियों को और नैवेद्य और अवधूत को भी तगड़ा झटका लगता है, लड़कियां बेड से नीचे गिर पड़ती है, और फिर तेज़ी से खड़ी हो पूछती हैं, " कौन हो तुम।"

दोनों भी उन से वही पूछते हैं।"

लड़कियां अचानक क्रोध से लाल हो जाती हैं और कहती है, " तुम मुझे नही जानते मैं तुम्हारा खून पी जाऊंगी, बोटी बोटी नोच कर खा जाऊंगी ।"


नैवेद्य कहता है, " तू लड़की है या शैतान, खून तो शैतान पीते हैं, मानव को भी वही खाते हैं ।"


वह लड़की जो उस समय वासना के वशीभूत थी वह कहती हैं, " तू जो दिख रहा है वह नहीं है, सच बोल कौन है, तूने मुझे धोखा दिया है, मेरी प्यास अधूरी रह गई है।"

अवधूत उस लड़की को पकड़ कर उठा लेता है और पलंग पर ही पटक देता है, उसे पलंग का कोने लगता है जिस से उसका खून टपकने लगता है, जिसे वह लड़की अपने लंबे सांप की तरह जीभ निकाल कर चाटने लगती है, और अचानक भयानक रूप धारण करती हैं और अवधूत पर टूट पड़ती है, अवधूत तो पहले से ही तैयार थे वह उसे पास आते ही चोटी से पटकने लगते हैं, और उसकी चीखे निकलने लगती है, तभी वह अपना रूप बदल कर चोटी बच्ची हो जाती है और कहने लगती है, " छोटे बच्ची पर हाथ उठाते हुए शर्म नहीं आती है।


अवधूत उसे पकड़ने जय है तो वह तेज़ी से उसके पैरो के बीच आकर अचानक बड़ी होती है और अवधूत को उठाकर जोर से पटकती है, और फिर अवधूत को पैर से पकड़ कर दीवाल पर जोर से फेंकती है, अवधूत दीवाल तोड़ते हुए बाहर जाकर गिरता है, वह देखता है नैवेद्य पहले ही बाहर दूसरी लड़की से भिड़ा हुआ है, उन लोगों ने तो काफी तोड़फोड़ पहले ही कर दी थी, होटल में भगदड़ मच गई थी, अवधूत को मार खाते देख कारक तेज़ी से आता है और उस लड़की की चोटी पकड़ कर घूमने लगता है और इतनी तेज़ी से घुमाता है की लड़की की चीखे गूंजने लगती है और उसका रूप बदलने लगता है, वह पूरे महिला शैतान के रूप में आ जाती है।"


क्रमशः 



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