Ram Binod Kumar

Romance Tragedy

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Ram Binod Kumar

Romance Tragedy

वचन दो

वचन दो

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कहानी माया नगरी मुंबई की है। देव और दिव्या को एक-दूसरे के प्रेम में पड़कर लिव इन में रहते हुए एक माह ही गुजरा था, कि दोनों में अनबन शुरू हो गई। छोटी-छोटी बातों के लिए देव दिव्या का अपमान करता था। 


दिव्या सब कुछ बर्दाश्त करते हुए भी ,देव को कुछ दिन और झेलना चाहती थी। उसके मन में था वह एक दिन देव को अपने प्रेम से अपने वश में कर लेगी , मगर यह उसकी भूल थी‌


एक दिन देव ने दिव्या को बिना कोई सफाई का मौका दिए खुद से दिव्या को दूर करने का निर्णय ले लिया। वह गुस्से में बोला, "अब मैं तुम्हारे साथ नहीं रह सकता हूं। हमारे तुम्हारे रास्ते अलग हुए।"


दिव्या देव की बात सुनकर गंभीरता से बोली, " ठीक है देव! तुम अपने रास्ते चले जाना। मैं तुम्हें नहीं रोकूंगी। मगर मैंने तुम्हें खुद को समर्पित किया है, इसके लिए तुम मुझे वचन दो।"


" क्या ? कौन सा वचन ?"


"अगर तुममें हिम्मत है, किसी कोने में मेरे लिए प्रेम बचा है, तो वचन देना, और उसे निभाना भी। अन्यथा अपने रास्ते यूं ही चले जाओ। मैं तुम्हें इसके लिए कभी बाध्य नहीं करूंगी।" ऐसा कहकर दिव्या सबल होकर देव को देखने लगी।


" बोलो ! क्या बात है ? वचन देता हूं।" देव ने धीरे से कहा।


" मेरी बस छोटी सी बात है। अबकी बार किसी और लड़की के साथ ऐसा करने से पहले उसे अवश्य ही बता देना, कि तुम एक बार एक महीने में ही मुझे इस तरह छोड़ चुके हो !"


दिव्या की बात सुनकर देव ने अपना माथा पीट लिया।

इति !




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