अनिल की विदाई
अनिल की विदाई
एक शख्सियत रौबदार
गठीला शरीर, कदकाठी
तीखे नैन नक्ष, आभायुक्त
शख्सियत हाजिर जवाब
स्पष्ट भाव ,स्वर व संवाद
बच्चों के प्रति नरम गरम
वेलफेयर सदा साथ-साथ
परिणाम रहा सदा उत्कृष्ट
शिक्षक ये शानदार,
मेहमाननवाजी ,आवभगत में
इन से ,बढ़कर कोई नहीं
अपने हो या अनजान
दिल से रखते सब का ख्याल
घुमक्कड़ी का रहा फलसफा
खुश होने ,रखने का
चूकते नहीं कोई मौका
सफर भी ,हमसफ़र
रहा बेमिसाल
डर के आगे अनिल जी है
विनम्र, शिष्टाचार,परोपकार
हैं ,उनके पर्याय,
ठान लिया, फिर रुके नहीं।
अकड़ शब्द के या इशारों के
लिमिट के बाद ‘बर्दाश्त’ नहीं
गलती हो यदि , क्षमा में देर नहीं
जानते हैं, बहुत से साथ नहीं
उन सबों की परवाह भी नहीं।।
दोस्तों व काम को तरजीह
उनके लिए बन जाते वकील
सब कुछ ईश्वर ने दिया, भरपूर
ईश्वर में विश्वास, अटूट
पत्नी भी इन्हीं की प्रतिरूप
बहुत अच्छा कर रहे हो, शाबाश
सहयोग के लिए, धन्यवाद
ये अनिल जी की है, पहचान
आसान तो नहीं ,पर इनकी आदत
अनिल शख्सियत रौबदार
गठीला शरीर, कदकाठी
तीखे नैन नक्श, आभायुक्त
अनिल सर शख्सियत रौबदार