राम आसरे!
राम आसरे!
हिन्दू संस्कृति के आधार
मेरे राम
तेरे राम
सबके राम
आक्रांताओं ने किया अनादर
दिलों से हों बाहर?
हो ना पाया
पूजा ,पाठ, पद्धति
विशेष बात नहीं
लौकिक जीवन में
जीवन व्याख्या है।
परिवार ,राज्य
के सामंजस्य का
नाम है ”राम”
लोभ ,लालच
मोह ,कुसंग
छोटा ,बड़ा
नीति, आचरण
डर ,भय ,चोरी
कोई स्थान ना हो
पराक्रम ,,न्याय
सामंजस्य ,सम्मान
धीरज ,मीठे वचन
शांत ,गम्भीर, सम्मान
दुश्मन से भी हमदर्दी
कोमल मुस्कान, सदा
विवेकशील होने का नाम “राम”
देश विदेश से परे
लौकिक जीवन में
पारलौकिक होने का सुख
का नाम है “राम”