दुनिया दिल पर हावी है
दुनिया दिल पर हावी है
1 min
313
दुनियाँ दिल पर हावी है
अरमानों को पंख लगे
जज्बातों को जब्त किया
झूठे ही मुस्कुराये हम
आंसुओं को कैद किया
बेचारे दिल से बोझ न संभला
उसने धड़कना भी छोड़ दिया
फिर भी दुनिया दिल पर हावी है
नकली रिश्तों से खुश होते हैं
असली संबंधों से कतराते हैं
खुद को सही साबित करने के लिये
पानी की तरह पैसा बहाते हैं
खुद आईना देखने से भी घबराते हैं
प्लास्टिक सी मुस्कान चेहरे पर चिपकाते हैं
क्योंकि दुनिया दिल पर हावी है !