एक सफेद उज्जवल आत्मा का झिलमिलाता दर्पण
एक सफेद उज्जवल आत्मा का झिलमिलाता दर्पण
श्वेत रंग के परिधान पहने
मेरे चारों तरफ विचरण करते लोग
मुझे एक बेहद दुखद क्षण में भी
मानसिक शांति प्रदान कर रहे थे
उनमें से निकलते रंग
झिलमिलाती किरणों के अंबार
साथ लिए
कितने शुद्ध थे
कितने सरल थे
कितने सादे थे
एक उज्जवल आत्मा का ही कोई साक्षात रूप
सा लग रहे थे
जीवन का अंत हो या
जीवन की कोई नई शुरुआत
सफेद रंग का बिखराव
चहुं दिशा
मन में एक रोशनी सी
भर देता है
एक मन में उठती
हलचल के भंवर को
स्थिर कर देता है
एक तेज आंधी आती है लेकिन
पेड़ की शाख पर बैठा
एक पंछी जरा सा भी
विचलित नहीं होता
पेड़ के पत्ते भी
शोर नहीं करते
न ही इसकी टहनियां
डर से कांपती हैं
न ही इसकी देह कहीं
करमसाती है
कोई रूहानी बयार सी थी
शायद यह जो
किसी चरमराती देह में एक सफेद
उज्जवल आत्मा का दर्पण झिलमिला जाती है।