हृदय से
हृदय से
स्त्री को प्यार करना एक कला है
स्त्री को छूना एक कला है
स्त्री काया नहीं है
स्त्री एक हृदय है।
अगर प्यार कर सको तो
अपने हृदय से उसके हृदय तक पहुंचना,
अगर छू सको तो
स्त्री के अस्तित्व को छूना
शरीर से नहीं
हृदय से संभव है ।।
स्त्री को प्यार करना एक कला है
स्त्री को छूना एक कला है
स्त्री काया नहीं है
स्त्री एक हृदय है।
अगर प्यार कर सको तो
अपने हृदय से उसके हृदय तक पहुंचना,
अगर छू सको तो
स्त्री के अस्तित्व को छूना
शरीर से नहीं
हृदय से संभव है ।।