Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Prabhat Pandey

Inspirational

4  

Prabhat Pandey

Inspirational

कविता : माँ

कविता : माँ

1 min
253



माँ के जीवन की सब साँसे 

बच्चों के ही हित होती हैं 

चोट लगे जब बालक के तन को 

आँखें तो माँ की रोती हैं 

ख़ुशी में हमारी, वो खुश हो जाती है 

दुःख में हमारे, वो आंसू बहाती है 

निभाएं न निभाएं हम 

अपना वो फ़र्ज़ निभाती है

ऐसे ही नहीं वो, करुणामयी कहलाती है

प्रेम के सागर में माँ, अमृत रूपी गागर है 

माँ मेरे सपनों की, सच्ची सौदागर है


व्यर्थ प्रेम के पीछे घूमती है दुनिया 

माँ के प्रेम से बढ़कर, कोई प्रेम नहीं है 

जितनी भी जीवित संज्ञाएँ भू पर उदित हैं 

वे सब माँ के नभ की, प्राची में अवतरित हैं 

जो जीवन को नई दिशा देने, अवतरित हुए हैं 

जो अज्ञान तिमिर में, बनकर सूरज अवतरित हुए हैं 

उन सबके ऊपर, बचपन में माँ की कृपा थी 

उनके जीवन पर माँ के उपकारों की वर्षा थी 

अगर ईश्वर कहीं है, उसे देखा कहाँ किसने 

माँ ईश्वर की है रचना, पर ईश्वर से बढ़कर है 

छीन लाती है अपने औलाद के खातिर खुशियां 

इसकी दुआ जय के शिखरों पर बैठाती 

हर रूह, हर धड़कन में 

जीने का हौसला माँ भरती 

घना अंधेरा हो तो माँ दीपक बन जाती 

ऐसे नहीं वो करुणामयी कहलाती 

प्रेम के सागर में माँ, अमृत रूपी गागर है 

माँ मेरे सपनों की, सच्ची सौदागर है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational